ट्रम्प का 'One Big, Beautiful Bill', लाखों भारतीय NRI पर क्या पड़ने जा रहा प्रभाव?

Published : Jul 03, 2025, 05:15 PM ISTUpdated : Jul 03, 2025, 05:16 PM IST
Donald Trump

सार

US President Donald Trump की मेगा बिल 'One Big, Beautiful Bill' में भारत भेजे जाने वाले रेमिटेंस टैक्स को 5% से घटाकर 1% किया गया, जिससे 45 लाख भारतीयों (NRIs) को बड़ा फायदा होगा। जानें इस बिल के संशोधनों का पूरा असर।

One Big Beautiful Bill: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) के दूसरे कार्यकाल का भविष्य तय करने वाले मेगा टैक्स-एंड-स्पेंडिंग बिल One Big, Beautiful Bill (ट्रम्प मेगा बिल) पर अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (House of Representatives) में अंतिम वोटिंग कुछ ही घंटों में होने वाली है। यह बिल सामाजिक कल्याण योजनाओं (Social Welfare Programs) में भारी कटौती करने और अमेरिकी राष्ट्रीय कर्ज (US National Debt) में 3 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा करने के कारण विवादों में रहा है।

रेमिटेंस टैक्स में बड़ी राहत

इस बिल में हाल ही में हुए संशोधन में भारत (India) समेत दूसरे देशों को पैसे भेजने पर लगने वाले टैक्स में भारी कटौती की गई है। 27 जून को जारी संशोधित ड्राफ्ट के अनुसार, विदेशों में रह रहे भारतीय (NRIs) और अमेरिका में काम कर रहे भारतीय पेशेवरों के लिए रेमिटेंस टैक्स (Remittance Tax) को 5% से घटाकर सिर्फ 1% कर दिया गया है। पहले हाउस के वर्जन में यह टैक्स 3.5% तय किया गया था जिसे और कम कर बड़ी राहत दी गई है।

45 लाख भारतीयों को फायदा

यह नियम उन सभी अमेरिकी निवासियों पर लागू होगा जो अमेरिकी नागरिक नहीं हैं, जिनमें ग्रीन कार्ड (Green Card) धारक, एच-1बी (H-1B) और एच-2ए (H-2A) वीजा पर काम करने वाले लोग और विदेशी छात्र शामिल हैं। इस टैक्स में कमी से अमेरिका में रह रहे लगभग 45 लाख भारतीयों को लाभ होगा, जिसमें 32 लाख भारतीय मूल के लोग (Persons of Indian Origin) भी शामिल हैं। सभी नकद, मनी ऑर्डर या कैशियर चेक के माध्यम से किए गए अंतरराष्ट्रीय पैसे ट्रांसफर पर यह टैक्स लागू होगा।

डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भेजे गए पैसे होंगे टैक्स से मुक्त

बिल के नए ड्राफ्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अमेरिकी बैंकों में खुले खातों (US Financial Institution Accounts) या अमेरिकी डेबिट-क्रेडिट कार्ड से किए गए रेमिटेंस पर टैक्स नहीं लगेगा। इसका मतलब है कि डिजिटल तरीके से पैसे भेजने वालों के लिए और भी राहत है। बिल में साफ तौर पर लिखा है कि किसी भी रेमिटेंस ट्रांसफर पर ट्रांसफर राशि का 1% टैक्स लगाया जाएगा और यह टैक्स भेजने वाले व्यक्ति द्वारा अदा किया जाएगा।

क्यों अहम है यह बदलाव

अमेरिका से भारत को हर साल अरबों डॉलर का रेमिटेंस जाता है, जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) मजबूत होता है। नए नियम से भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को भी फायदा होगा क्योंकि एनआरआई और प्रवासी भारतीय अब अधिक पैसे भेज पाएंगे। यह फैसला ट्रम्प प्रशासन की आलोचना कर रहे एनआरआई समुदाय के लिए एक सकारात्मक संदेश माना जा रहा है।

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