भारत से विवाद पर चीन का यूटर्न, कहा- बातचीत से सुलझा लेंगे मामला, ट्रम्प ने की मध्यस्थता की पेशकश

भारत और चीन के बीच  वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लगातार तनाव बढ़ रहा है। इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मध्यस्थता की पेशकश की है। ट्रम्प ने कहा, दोनों देशों को सूचना दी है कि वह सीमा विवाद में मध्यस्थता को तैयार हैं।

Asianet News Hindi | Published : May 27, 2020 11:46 AM IST / Updated: May 27 2020, 05:34 PM IST

वॉशिंगटन. भारत और चीन के बीच  वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लगातार तनाव बढ़ रहा है। इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मध्यस्थता की पेशकश की है। ट्रम्प ने कहा, दोनों देशों को सूचना दी है कि वह सीमा विवाद में मध्यस्थता को तैयार हैं। इससे पहले ट्रम्प भारत-पाकिस्तान के बीच सुलह कराने के लिए मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं। हालांकि, उस वक्त भारत के विरोध के बाद ट्रम्प अपने बयान से पलट गए थे। 

 

 

चीन लद्दाख में LAC पर 5 मई से भारत पर दबाव बनाने की कोशिश में है। दोनों देशों के सैनिकों के बीच महीने में तीन बार झड़प भी हुई है। दोनों देशों के बीच इसे लेकर तमाम हाई लेवल मीटिंग भी हुई हैं। 

नर्म पड़े चीन के सुर
करीब 1 महीने से चले आ रहे विवाद के बीच बुधवार को चीन के सुर नर्म दिखे। चीनी विदेश मंत्री ने दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य होने की बात कही है। उधर, चीन के भारत में राजदूत सन विडोंग ने भी मतभेदों को बातचीत के जरिए दूर करने के संकेत दिए। उन्होंने कहा, चाइनीज ड्रैगन और भारतीय हाथी एक साथ डांस कर सकते हैं। विडोंग ने कहा, भारत और चीन कोरोना के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ रहे हैं। हम पर अपने रिश्तों को और मजबूत करने की जिम्मेदारी है। 

क्या है विवाद
चीन ने लद्दाख के गलवान नदी क्षेत्र पर अपना कब्जा बनाए रखा है। यह क्षेत्र 1962 के युद्ध का भी प्रमुख कारण था। जमीनी स्तर की कई दौर की वार्ता विफल हो चुकी है। सेना को स्टैंडिंग ऑर्डर्स का पालन करने को कहा गया है। इसका मतलब है कि सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)से घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए बल का इस्तेमाल नहीं कर सकती है। बता दें कि भारत चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। ये सीमा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुज़रती है। ये तीन सेक्टरों में बंटी हुई है। पश्चिमी सेक्टर यानी जम्मू-कश्मीर, मिडिल सेक्टर यानी हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड और पूर्वी सेक्टर यानी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश।

एक महीने में तीन बार आमने सामने आए सैनिक
- भारतीय सैनिकों और चीन के बीच इस महीने तीन बार झड़प हो चुकी है। पहली बार पूर्वी लद्दाख की पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर 5 मई को झड़प हुई। तब भारत-चीन के करीब 200 सैनिक आमने-सामने हो गए। पूरी रात टकराव की स्थिति बनी रही। सुबह होते ही सैनिकों में झड़प हुई। हालांकि बाद में अफसरों ने मामला शांत करवाया।
- दूसरी झड़प 9 मई को उत्तरी सिक्किम में 16 हजार फीट की ऊंचाई पर नाकू ला सेक्टर में हुई। यहां भारत-चीन के 150 सैनिक आमने-सामने हो गए थे। सैनिकों ने एक-दूसरे पर मुक्कों से अटैक किया।
- तीसरी झड़प भी 9 मई को ही हुई। सैनिकों के बीच झड़प होने पर चीन ने लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अपने हेलिकॉप्टर भेजे थे। चीन के हेलिकॉप्टर सीमा तो पार नहीं कर पाए, लेकिन जवाब में भारत ने एयरबेस से अपने सुखोई 30 फाइटर प्लेन से खदेड़ दिया।

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