
Trump Tariffs on India: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है। इसके चलते उनकी आलोचना हो रही है। अमेरिकी सरकार में बड़ी जिम्मेदारी निभा चुके पूर्व अधिकारी ट्रंप के फैसले की निंदा कर रहे हैं। इसी क्रम में अमेरिका के पूर्व एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) जेक सुलिवन ने कहा है कि ट्रंप ने अमेरिकी ब्रांड को टॉयलेट में पहुंचा दिया है।
सुलिवन ने कहा कि ट्रंप ने अमेरिकी ब्रांड की साख खराब की है। भारत पर लगाए गए टैरिफ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे टैरिफ से चीन अमेरिका की तुलना में ज्यादा जिम्मेदार दिख रहा है। द बुलवार्क पॉडकास्ट पर टिम मिलर से बातचीत के दौरान सुलिवन ने कहा,
चीन कई देशों में लोकप्रियता के मामले में अमेरिका से आगे निकल गया है। एक साल पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। अब देश मूल रूप से कह रहे हैं कि अमेरिकी ब्रांड शौचालय में है और चीन अधिक जिम्मेदार खिलाड़ी की तरह दिख रहा है।
सुलिवन ओबामा प्रशासन में नीति निदेशक थे। उन्होंने ऐसे टैरिफ के खतरों पर जोर दिया। कहा कि इससे भारत चीन के करीब जा सकता है। उन्होंने कहा, "हम भारत के साथ गहरे और टिकाऊ संबंध बनाने के लिए काम कर रहे थे। इसमें चीन की चुनौती बड़ी थी। राष्ट्रपति ट्रंप ने उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर व्यापार आक्रमण किया। भारतीय कह रहे हैं लगता है शायद हमें बीजिंग जाना चाहिए और चीनियों के साथ बैठना चाहिए। क्योंकि हमारे पास अमेरिका के खिलाफ एक बचाव है।"
अमेरिका के पूर्व एनएसए ने कहा कि ट्रंप के कदमों का नतीजा है कि अब अमेरिका के सहयोगी उसे बड़े विघटनकारी के रूप में देखते हैं, जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। वैश्विक नेताओं को अब अमेरिका से जोखिम कम करने की जरूरत महसूस हो रही है। भारत चीन के करीब जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में भारत-चीन संबंधों में मधुरता आई है। दोनों देश 2020 में गलवान में हुए झड़पों के बाद पहली बार करीब आए हैं।
बता दें कि सुलिवन उन दर्जनों पूर्व हाई लेवल अधिकारियों में से एक हैं, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में अमेरिकी सरकार में सेवा की है और हाल के दिनों में ट्रंप के टैरिफ की आलोचना करते रहे हैं। पिछले दिनों पूर्व विदेश मंत्री जॉन केरी ने ट्रंप की नीतियों पर कहा, "महान राष्ट्र, बिना किसी वास्तविक कूटनीतिक प्रयास के हर समय लोगों को अल्टीमेटम देकर महानता प्रदर्शित नहीं करते।"
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गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले भारत से होने वाले आयात पर 25% पारस्परिक टैरिफ लगाया था। इसके बाद रूस से कच्चा तेल आयात करने के नाम पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया। इससे कुल टैरिफ 50% हो गया है। भारत के साथ ब्राजील एक मात्र ऐसा देश है, जिसपर इतना अधिक टैरिफ लगाया गया है। जवाब में भारत ने कहा है कि रूस से तेल आयात बंद नहीं करेंगे। भारत दबाव के आगे झुकने वाला नहीं है।
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