वाशिंगटन। अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को धमकी दी कि यदि BRIC अलायंस के देशों ने अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने का प्रयास किया तो वे उन पर 100% टैरिफ लगा देंगे।
ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात BRIC अलायंस के सदस्य हैं। तुर्की, अजरबैजान और मलेशिया ने सदस्य बनने के लिए आवेदन किया है। कई अन्य देश भी इस गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं।
इस समय अमेरिकी डॉलर वैश्विक व्यापार में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली मुद्रा है। BRIC के सदस्य देश डॉलर की जगह अपनी मुद्रा में आपसी व्यापार करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही नई ब्रिक्स मुद्रा लाने पर भी बात चल रही है। अमेरिका इसे अपने लिए खतरे के रूप में देख रहा है।
ट्रम्प ने X पर पोस्ट किया, "हमें BRIC के देशों से यह प्रतिबद्धता चाहिए कि वे न तो नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे और न ही अमेरिकी डॉलर की जगह पर किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे। ऐसा नहीं करने पर उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। उन्हें अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अपनी बिक्री को अलविदा कहना पड़ेगा।"
बता दें कि अक्टूबर में BRIC देशों के शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका पर डॉलर को "हथियार" बनाने का आरोप लगाया था। पुतिन ने कहा था, "हम डॉलर का इस्तेमाल करने से इनकार नहीं कर रहे हैं, लेकिन अगर वे हमें काम नहीं करने देते तो हम क्या कर सकते हैं? हमें विकल्प तलाशने के लिए मजबूर होना पड़ता है।"
भारत BRIC का सदस्य है। ट्रम्प अगर सत्ता संभालने के बाद अपनी धमकी के अनुसार BRIC पर 100 फीसदी टैरिफ लगाते हैं और भारत को छूट नहीं देते हैं तो इससे भारत-अमेरिका व्यापार पर असर पड़ेगा। भारत-अमेरिका के बीच सालभर में 100 बिलियन डॉलर से अधिक का व्यापार होता है। 2022-23 में यह 126.41 बिलियन डॉलर था। 2023-24 में करीब 119.7 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ है।
अमेरिका उन कुछ देशों में से एक है, जिनके साथ भारत व्यापार लाभ की स्थिति में है। भारत आयात कम और निर्यात ज्यादा करता है। 2022-23 में भारत ने 27.69 बिलियन डॉलर और 2023-24 में 35.33 बिलियन डॉलर के सामान अधिक निर्यात किए। अमेरिका अगर भारत आयात होने वाले सामानों पर 100 फीसदी शुल्क लगाता है तो उनकी कीमत बढ़ जाएगी। इससे भारत का निर्यात घट जाएगा। इसका सीधा असर भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। हालांकि अमेरिका के लिए भारत से आयात होने वाले सभी सामान पर 100 फीसदी शुल्क लगाना आसान नहीं है। इससे अमेरिका को भी दूसरे विकल्प तलाशने होंगे। इसके साथ ही भारत के साथ उसके संबंध प्रभावित होंगे।
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