
Trump threaten BRICS: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने BRICS देशों को कड़ा संदेश देते हुए धमकी दी है कि अगर वे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर (US Dollar in Global Trade) की जगह कोई नई मुद्रा लाने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें 100% टैरिफ (100% Tariffs) का सामना करना पड़ेगा।
BRICS को ट्रंप की चेतावनी –डॉलर को छेड़ा तो भारी पड़ेगा!
शुक्रवार को ट्रंप ने BRICS देशों पर हमला बोलते हुए कहा कि अमेरिकी डॉलर का प्रभुत्व बरकरार रहना चाहिए और जो देश इसे चुनौती देंगे, उन्हें अमेरिकी अर्थव्यवस्था से बाहर का रास्ता देखना पड़ेगा। ट्रंप ने कहा: BRICS देश अगर डॉलर से हटने की कोशिश करते हैं, तो वे 100% टैरिफ़ झेलने के लिए तैयार रहें। वे अमेरिका में कुछ भी बेचने की उम्मीद छोड़ दें और कोई और ‘मूर्ख’ देश ढूंढ लें।
BRICS+ और डी-डॉलराइजेशन की बढ़ती चर्चा
ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (BRICS Nations) पिछले कई सालों से अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने (De-dollarisation) की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि, डॉलर अभी भी वैश्विक व्यापार में सबसे प्रभावशाली मुद्रा (Dominant Global Reserve Currency) बनी हुई है। अटलांटिक काउंसिल की जियोइकोनॉमिक्स स्टडी (Atlantic Council’s GeoEconomics Study) के मुताबिक, न तो यूरो और न ही BRICS+ देश अभी तक डॉलर की निर्भरता को कम कर पाए हैं।
ट्रंप टैरिफ़ को एक राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने हाल ही में मेक्सिको और कनाडा (Mexico & Canada) पर नई टैरिफ नीति लगाने की बात कही थी। उन्होंने दावा किया कि उच्च टैरिफ़ के ज़रिए अमेरिका में उद्योगों को वापस लाया जाएगा और अमेरिकी मजदूरों और व्यवसायों पर टैक्स का बोझ कम होगा। ट्रंप ने भारत को भी बहुत बड़ा व्यापारिक दुरुपयोगकर्ता (Very big abuser of Trade Policies) कहा था और अब BRICS+ देशों के लिए भी वैसी ही रणनीति अपना रहे हैं।
हालांकि, ट्रंप की टैरिफ नीति को अर्थशास्त्रियों ने घातक बताया है। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते टैरिफ़ अमेरिकी उद्योगों और उपभोक्ताओं के लिए महंगे साबित हो सकते हैं। अमेरिका में कई उद्योग आयातित कच्चे माल पर निर्भर हैं, और अगर टैरिफ बढ़े तो उनकी उत्पादन लागत में इज़ाफा होगा।
BRICS देशों का मकसद डॉलर के वर्चस्व को चुनौती देना है लेकिन अमेरिका इसे रोकने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है। ट्रंप की 100% टैरिफ की धमकी से इस बहस ने और ज़ोर पकड़ लिया है कि क्या वाकई डॉलर के प्रभुत्व का अंत (End of Dollar Dominance) करीब है या फिर अमेरिका की पकड़ अब भी मज़बूत बनी हुई है।
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