
Earthquake: 22 मई 1960 को चिली (Chile) में इतिहास का सबसे शक्तिशाली भूकंप (Most Powerful Earthquake) दर्ज किया गया। इस भूकंप को ग्रेट चिलियन अर्थक्वेक (Great Chilean Earthquake) के नाम से जाना जाता है। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल (Richter Scale) पर 9.4 से 9.6 के बीच मापी गई थी और यह लगभग 10 मिनट तक चला।
इस विनाशकारी भूकंप के कारण चिली के तटीय इलाकों में हजारों घर तबाह हो गए। इसके झटके प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) के अन्य देशों तक महसूस किए गए। इस भूकंप के कारण आए सुनामी (Tsunami) ने हवाई (Hawaii), जापान (Japan), फिलीपींस (Philippines), न्यूजीलैंड (New Zealand) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) तक तबाही मचाई।
मौत का सटीक आंकड़ा स्पष्ट नहीं है, लेकिन अनुमान के मुताबिक 1,000 से 6,000 लोग इस प्राकृतिक आपदा में मारे गए थे। हजारों लोग बेघर हो गए और चिली के कई प्रमुख शहरों की इमारतें जमींदोज़ हो गईं।
वैज्ञानिकों के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता इसकी फॉल्ट लाइन (Fault Line) की लंबाई पर निर्भर थी, जो लगभग 1,000 मील तक फैली थी। यह अब तक की सबसे लंबी फॉल्ट लाइन में से एक थी, जिसने इतनी ऊंची तीव्रता वाला भूकंप पैदा किया। वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी पर 10.0 तीव्रता का भूकंप आना असंभव है क्योंकि इतनी लंबी फॉल्ट लाइन हमारे ग्रह पर मौजूद नहीं है।
इतिहास के इस सबसे बड़े भूकंप से सीख लेते हुए आज कई देश अत्याधुनिक भूकंप पूर्वानुमान (Earthquake Prediction) तकनीक और भूकंप प्रतिरोधी इमारतों का निर्माण कर रहे हैं। हालांकि, अभी भी दुनिया के कई हिस्से भूकंप के खतरों से पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। पूरी स्टोरी पढ़ें…
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