सेनेगल में 11 नवजात अस्पताल में जलकर मरे, शार्ट सर्किट से हुआ हादसा, राष्ट्रपति ने घोषित किया 3 दिन का शोक

सेनेगल के एक अस्पताल में शार्ट सर्किट से 11 बच्चों की मौत हो गई। ये सभी बच्चे नियोनेटल वार्ड में भर्ती थे। राष्ट्रपति से लेकर डब्ल्यूएचओ तक ने इस हृदयविदारक घटना पर शोक जताया है। स्वास्थ्य मंत्री ने जांच का आदेश दे दिया है। 

तिवाउने। सेनेगल के पश्चिमी शहर तिवाउने में बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण अस्पताल में आग लगने से ग्यारह नवजात शिशुओं की मौत हो गई है। राष्ट्रपति मैकी सॉल ने इस त्रासदी पर दु:ख जताते हुए देश में तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है। अस्पताल में एक साथ 11 बच्चों की शार्ट सर्किट से हुई मौत ने देश की कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली को उजागर किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह पूरी तरह से अक्षम्य है कि किसी अस्पताल में 11 बच्चों की शार्ट सर्किट से जान चली जाए। 

राष्ट्रपति सॉल ने आग लगने के तत्काल बाद जताया दु:ख

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सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी सॉल ने बुधवार देर रात आग लगने के बाद लिखा, "मुझे सार्वजनिक अस्पताल के नवजात विभाग में आग लगने से 11 नवजात शिशुओं की मौत के बारे में अभी-अभी जानकारी हुई है।" उन्होंने ट्वीट किया, "उनकी माताओं और उनके परिवारों के प्रति, मैं अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।"

माताओं का बुरा हाल, किसी को सूझ नहीं रहा था जवाब

करीब चालीस हजार की आबादी वाले शहर तिवाउने में मामे अब्दुल अजीज सई दबाख अस्पताल है। यहां करीब 14 नवजात चाइल्ड वार्ड में थे। अचानक हुई शार्ट सर्किट में 11 बच्चों की जान चली गई। भीषण आग से अस्पताल के आसपास हाहाकार मच गया। बच्चों की माताओं का बुरा हाल था। माताएं अपने बच्चों को लेकर सबसे पूछ रही थीं। अस्पताल में चाइल्ड वार्ड की शार्ट सर्किट में काल के मुंह समाया मोहम्मद भी था। तीन दिन पहले ही उसका नामकरण मां-बाप ने कराया था। मां का रो-रोकर बुरा हाल था। वह उसके पिता से बच्चे के बारे में पूछ रही थी और वह बता नहीं पा रहे थे कि अब बच्चे का सिर्फ नाम ही बचा है।  मोहम्मद के 54 वर्षीय पिता अलौने डियॉफ ने कहा कि उसके बच्चे को 10 दिन पहले अस्पताल ले जाया गया था और सोमवार को उसका बपतिस्मा हुआ था।

शहर के मेयर डेम्बा दीप ने कहा कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी और बहुत जल्दी फैल गई। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शार्ट सर्किट की वजह से गैस की बोतलें भी फटने लगी। स्वास्थ्य मंत्री अब्दुलाय दिउफ सर्र को मीडिया रिपोर्टों में भी बिजली की खराबी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।

14 बच्चे थे चाइल्ड वार्ड में...जांच का आदेश

प्रसूति इकाई या चाइल्ड वार्ड 14 बच्चों की देखभाल के लिए सुसज्जित थी। मंत्री ने कहा कि आग लगने के समय 11 लोग थे, जिन्हें नर्सें नहीं बचा सकीं। मेयर डेम्बा डीओप ने बताया कि तीन बच्चों को बचाया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने ट्वीट किया कि वह इस दुखद खबर से हतप्रभ हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपनी जान गंवाने वाले बच्चों के माता-पिता और परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना भेज रहा हूं। स्वास्थ्य मंत्री सर्र, जो डब्ल्यूएचओ की मीटिंग में जेनेवा में थे, ने जांच का आदेश दे दिया है। 
 

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