
Epstein Files News: अमेरिका में Jeffrey Epstein Case एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह हैं हाल ही में जारी की गई Epstein Files, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ा एक गंभीर लेकिन बिना पुष्टि वाला आरोप सामने आया। इन फाइलों में दावा किया गया कि दशकों पहले ट्रंप ने एक महिला का रेप किया था। हालांकि, अमेरिकी न्याय विभाग यानी DOJ (Department of Justice) ने इन आरोपों को साफ शब्दों में खारिज कर दिया है और इन्हें “झूठा और सनसनीखेज” बताया है।
एपस्टीन फाइल्स दरअसल जेफरी एपस्टीन से जुड़े सरकारी दस्तावेज़ों का एक बड़ा संग्रह हैं। इन्हें Epstein Files Transparency Act के तहत सार्वजनिक किया गया है। यह कानून इसी साल पास हुआ था, जिसके तहत संघीय एजेंसियों को एपस्टीन के आपराधिक मामले से जुड़े रिकॉर्ड जनता के सामने रखने होते हैं। दिलचस्प बात यह है कि डोनाल्ड ट्रंप ने पहले इन फाइलों को जारी करने का विरोध किया था, लेकिन बाद में उन्होंने इस कानून पर हस्ताक्षर कर दिए।
DOJ ने करीब 30,000 पन्नों के दस्तावेज़ अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किए हैं। इन फाइलों में शामिल हैं:
इनमें से कई जानकारियां पहले से सार्वजनिक थीं, लेकिन कुछ बातें नई बहस को जन्म दे रही हैं।
27 अक्टूबर 2020 की एक FBI Intake Report में एक पूर्व लिमोसिन ड्राइवर की टिप दर्ज है। ड्राइवर ने दावा किया कि उसने 1995 में ट्रंप और एपस्टीन के बीच एक फोन बातचीत सुनी थी। उसी दौरान मौजूद एक अज्ञात महिला ने कथित तौर पर कहा था, “उसने मेरा रेप किया।” ड्राइवर के अनुसार, महिला ने बाद में बताया कि उसने पुलिस से संपर्क किया था और फिर जनवरी 2000 में उसकी आत्महत्या हो गई।
DOJ ने X (पहले ट्विटर) पर जारी बयान में कहा कि ये आरोप 2020 के चुनाव से ठीक पहले FBI को सौंपे गए थे और इनका कोई ठोस आधार नहीं है। विभाग ने साफ कहा- “ये दावे निराधार और झूठे हैं। अगर इनमें थोड़ी भी सच्चाई होती, तो इन्हें पहले ही राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ इस्तेमाल किया जा चुका होता।” DOJ ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी दस्तावेज़ का फाइल में होना, उसे सच नहीं बना देता।
डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर एपस्टीन से किसी भी गलत संबंध से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि यह मामला डेमोक्रेट्स द्वारा ध्यान भटकाने की कोशिश है। ट्रंप का दावा है कि उन्होंने 2019 में एपस्टीन की गिरफ्तारी से बहुत पहले ही उससे सभी संबंध खत्म कर लिए थे।
फाइलों में यह जरूर सामने आया है कि 1990 के दशक में ट्रंप ने एपस्टीन के प्राइवेट जेट से कम से कम 8 बार यात्रा की थी। लेकिन DOJ और कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि फ्लाइट लॉग में नाम होना और सोशल इवेंट्स में साथ दिखना अपने आप में किसी अपराध का सबूत नहीं है।
डेमोक्रेट्स लगातार DOJ पर दबाव बना रहे हैं कि सभी फाइलें पूरी तरह जारी की जाएं। वहीं, ट्रांसपेरेंसी एक्ट के समर्थकों का कहना है कि जनता को सच्चाई जानने का हक है, भले ही दस्तावेज़ों में बिना पुष्टि वाले दावे ही क्यों न हों। Epstein Files ने अमेरिकी राजनीति में एक बार फिर हलचल मचा दी है, लेकिन DOJ ने साफ कर दिया है कि ट्रंप पर लगे आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है। सच और सनसनी के बीच की यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।
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