मिल गया उपाय, अब लकवाग्रस्त भी आराम से चलने लगेंगे

फ्रांस में लकवे से ग्रस्त एक व्यक्ति मस्तिष्क नियंत्रित ‘एग्जोस्केलेटन’ (बाहरी ढांचा) की मदद से फिर से चल सकने में समर्थ हो पाया है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 4, 2019 6:43 AM IST

पेरिस(Paris). पेरिस ने इतिहास में एक नयी उपलब्धि दर्ज की है। फ्रांस में एक ऐसी तकनीक का अविष्कार हुआ है, जिससे एक लकवा ग्रस्त आदमी को चल सकने में मदद मिलेगी। फ्रांस में लकवे से ग्रस्त एक व्यक्ति मस्तिष्क नियंत्रित ‘एग्जोस्केलेटन’ (बाहरी ढांचा) की मदद से फिर से चल सकने में समर्थ हो पाया है। इस उपलब्धि के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि यह किसी हादसे या रोग के कारण लकवाग्रस्त हुए लोगों (टेट्राप्लेजिक) के लिए उम्मीद की किरण बन कर आई है। लायोन के 28 वर्षीय थिबॉल्ट ने कहा कि इस टेक्नोलॉजी ने उसे नया जीवन दिया है। नाइट क्लब में एक हादसे के दौरान चोट लगने के बाद वह लकवाग्रस्त हो गया था।

क्या है टेट्राप्लेजिक?
टेट्राप्लेजिक उन लोगों को कहा जाता है जो किसी चोट या बीमारी के कारण लकवे से ग्रस्त हो जाते हैं जिसके चलते उनके हाथ-पैर पूरी तरह या आंशिक रूप से काम करना बंद कर देते हैं।

कैसे करता है ये 'एग्जोस्केलेटन' काम?
मरीज को इसका इस्तेमाल करना सिखाने के लिए कई महीनों तक प्रशिक्षण दिया गया। इसमें उसे आधारभूत क्रियाएं करने के लिए मस्तिष्क के संकेतों के जरिए कंप्यूटर आधारित साकार रूपों को नियंत्रित करना सिखाया गया ।

सार्वजनिक उपयोग के लिए अभी तैयार नहीं यह तकनीक
यह परीक्षण करने वाले डॉक्टरों ने आगाह किया है कि इस उपकरण को सार्वजनिक प्रयोग के लिए सामने रखने में अभी कई साल का वक्त है, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इसमें मरीजों के जीवन का स्वरूप सुधारने और उन्हें और अधिक स्वायत्ता देने की क्षमता है।

 

[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]

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