रूसी की राजधानी मॉस्को में हुए आतंकी हमले में 115 लोगों की मौत हुई है और 100 से अधिक घायल हुए हैं। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ISIS-K ने ली है। यह ISIS का सहयोगी संगठन है।
मॉस्को। रूसी की राजधानी मॉस्को में एक कंसर्ट हॉल में शुक्रवार की शाम आतंकी हमला किया गया। आतंकियों ने हॉल में मौजूद लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिससे 115 लोगों की मौत हुई और 100 से अधिक घायल हो गए। चार आतंकियों समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। रूस में हुए इस भीषण आतंकी हमले की जिम्मेदारी ISIS-K नाम के आतंकी संगठन ने ली है। अमेरिकी खुफिया जानकारी के अनुसार यह इस्लामिक स्टेट की अफगान शाखा है। इसे ISIS-K के नाम से जाना जाता है। इस हमले ने दुनिया को एक बार फिर आतंकी संगठन ISIS की क्रूरता दिखाई है। 2022 में यूक्रेन पर रूस द्वारा किए गए हमले के बाद से पश्चिम के साथ रूस के संबंध बेहद तनावपूर्ण हैं। इस हमले के बाद स्थिति और नाजुक हो गई है।
क्या है ISIS-K, कैसे बना?
ISIS-K का पूरा नाम इस्लामिक स्टेट खुरासान है। यह 2014 में पूर्वी अफगानिस्तान में उभरे बड़े इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह का सहयोगी है। खुरासान ऐतिहासिक क्षेत्र है। यह आज के ईरान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों को कवर करता है। इससे पहले भी ISIS-K ने बेहद क्रूर हमले किए हैं। तालिबान और अमेरिकी बलों के प्रयासों के चलते 2018 से इसकी ताकत कम हो गई है। इसके बाद भी यह आतंकी संगठन इस क्षेत्र में बड़ा खतरा बना हुआ है। 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद ऐसे चरमपंथी गुटों से लड़ने और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने की अमेरिकी क्षमता कम हुई है। इससे ISIS-K की ताकत बढ़ी है।
ISIS-K ने इससे पहले कब बड़े हमले किए हैं?
ISIS-K कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है। इसके अधिकतर हमले अफगानिस्तान में हुए हैं। इनमें मस्जिदों पर बमबारी, काबुल में रूसी दूतावास पर हमला और 2021 में काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हमला शामिल है। इस हमले में अमेरिकी सैनिकों सहित कई नागरिक और सैन्यकर्मी हताहत हुए थे। ISIS-K के हमले बेहद गुप्त तरीके से होते हैं। इसके चलते इनका पहले से पता लगा पाना कठिन होता है।
ISIS-K ने रूस में क्यों किया हमला?
ISIS-K रूस और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अपना दुश्मन मानता है। पुतिन ने सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप किया है। सीरिया के राष्ट्रपति बशर असद को पुतिन समर्थन दे रहे हैं। राष्ट्रपति बशर सीरिया में ISIS और अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ लड़ रहे हैं। उनकी मदद के लिए पुतिन ने रूसी सैनिकों को भी भेजा था। इस वजह से ISIS-K रूस के खिलाफ हमले कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ISIS-K रूस को मुसलमानों को विरोधी मानता है। इसके अलावा ISIS-K में मध्य एशिया के आतंकवादी शामिल हैं। ये रूस के खिलाफ पहले से दुश्मनी का भाव रखते आए हैं।
2015 में मिस्र के सिनाई रेगिस्तान में एक रूसी विमान को बम धमाके से उड़ा दिया गया था। इसके चलते विमान में सवार 224 लोगों की मौत हुई थी। इनमें से अधिकांश रूसी नागरिक थे। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी। इसने बाद में विस्फोटक उपकरण की फोटो जारी की थी।
2017 में सेंट पीटर्सबर्ग मेट्रो पर एक बम हमला हुआ था, जिसमें 15 लोग मारे गए थे। इस हमले के पीछे भी आईएसआईएस का हाथ था। आईएसआईएस के आतंकी दशकों से रूस के उत्तरी काकेशस क्षेत्र में रूसी सेना से लड़ रहे हैं। 10 साल पहले जब आईएस का गठन हुआ था तब काकेशस क्षेत्र के आतंकी बड़ी संख्या में इसमें शामिल होने के लिए पहुंचे थे। विशेषज्ञों का कहना है कि रूसी उत्तरी काकेशस में सक्रिय कुछ आतंकवादियों ने आईएस के प्रति निष्ठा की घोषणा की है।
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रूस के खिलाफ आतंकी हमले पर अमेरिका की प्रतिक्रिया
अमेरिका ने खुफिया सूत्रों के माध्यम से मॉस्को कॉन्सर्ट हमले की जिम्मेदारी के इस्लामिक स्टेट के दावे की पुष्टि की है। अमेरिका ने कहा है कि उसने रूस को पहले ही हमले को लेकर चेतावनी दी थी। रूस से कहा था कि मॉस्को में आतंकवादी गतिविधियां हो रही हैं। किसी बड़े सार्वजनिक समारोहों को निशाना बनाया जा सकता है। अमेरिका ने रूस में रह रहे अपने नागरिकों को सार्वजनिक सलाह जारी की थी। उसने रूसी अधिकारियों के साथ जानकारी शेयर की थी।
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