
वर्ल्ड डेस्क। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों पर उनके देश वापस भेजने का खतरा मंडरा रहा है। ट्रम्प ने कहा है कि वह इतिहास का सबसे बड़ा अभियान शुरू करेंगे और विमानों से अवैध प्रवासियों को उनके देश भेजेंगे। अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे करीब 18 हजार भारतीयों को भी वापस भेजा जा सकता है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ हुई बैठक में इस मुद्दे पर भारत का रुख साफ किया।
जयशंकर ने कहा कि भारत अमेरिका सहित विदेशों में 'अवैध रूप से' रह रहे भारतीय नागरिकों की "वैध वापसी" के लिए तैयार है। इस मामले में भारत का स्टैंड "सुसंगत" और "सिद्धांतबद्ध" रहा है। उन्होंने कहा, "यदि हमारे कोई नागरिक हैं, जो यहां कानूनी रूप से नहीं हैं। हमें यकीन है कि वे हमारे नागरिक हैं, तो हम हमेशा उनके वैध भारत लौटने के लिए तैयार हैं। यह अमेरिका के लिए अलग स्थिति नहीं है।"
जयशंकर ने कहा कि भारत दो देशों के बीच नागरिकों के कानूनी रूप से आने जाने का समर्थन करता है। भारत चाहता है कि हमारे कौशल और प्रतिभा को वैश्विक स्तर पर बड़े अवसर मिलें। विदेश मंत्री ने कहा, "हम अवैध तरीके से किसी देश में जाने का विरोध करते हैं। यह ठीक नहीं है। यह प्रतिष्ठा के लिए अच्छा नहीं है। इसलिए हमने हर देश के साथ ऐसा ही किया है। अमेरिका इसका अपवाद नहीं है।"
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जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ बैठक के दौरान अमेरिकी वीजा मिलने में होने वाली देरी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इससे संबंधों को बेहतर लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा, "अगर वीजा प्राप्त करने के लिए 400 दिनों का इंतजार करना हो तो मुझे नहीं लगता कि इससे संबंधों को बेहतर लाभ मिलेगा।"
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