फेसबुक ने स्वीकार की तथ्यों में गलती की बात, गलत हो सकते हैं नेताओं के द्वारा दिए गए फैक्ट

फेसबुक ने कहा है कि वह अपनी साइट पर नेताओं के बयानों की जांच नहीं करता। साइट का कहना है कि हो सकता है, ये बयान गलत भी हों।

Asianet News Hindi | Published : Sep 26, 2019 1:49 PM IST / Updated: Sep 26 2019, 07:27 PM IST

सैन फ्रांसिस्को. फेसबुक ने कहा है कि वह अपनी साइट पर नेताओं के बयानों की जांच नहीं करता। साइट का कहना है कि हो सकता है, ये बयान गलत भी हों। सोशल नेटवर्क ऑपरेटर ने कहा है कि चूंकि ऐसे बयान सुर्खियों में रहते हैं और वह राजनीतिक बहसों के लिये रेफरी की तरह काम नहीं करना चाहता।

एसोसिएटेड प्रेस के साथ काम करता है फेसबुक 
फर्जी खबरों, भ्रामक तस्वीरों तथा वीडियो जैसी गलत सूचना को छांटने के लिये फेसबुक ‘एसोसिएटेड प्रेस’ समेत तथ्य जांचने वाले तीसरे पक्ष के साथ काम करता है।

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विज्ञापनों में शामिल नहीं कर सकते आपत्तिजनक कंटेंट 
फेसबुक के वैश्विक मामलों के उपाध्यक्ष निक क्लेग ने कहा कि कंपनी ने करीब एक साल से अधिक समय से अपने तथ्य जांच कार्यक्रम से नेताओं के पोस्ट को अलग कर दिया है। हालांकि अगर नेता इससे पहले खारिज किये गये किसी लिंक या अन्य सामग्री को साझा करते हैं तो उन्हें हटा दिया जायेगा या विज्ञापनों में उन्हें शामिल किये जाने पर प्रतिबंध लगा दिया जायेगा।

राजनीतिक भागीदार नहीं बनना चाहती फेसबुक 
क्लेग ने मंगलवार को वाशिंगटन में अटलांटिक फेस्टीवल को संबोधित किया था। उनके संबोधन के कुछ हिस्सों को फेसबुक ने पोस्ट किया है। अपने संबोधन में क्लेग ने कहा, ‘‘फेसबुक में हमारी भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि निष्पक्षता बरती जाये, न कि खुद राजनीतिक भागीदार बनें।’’


(यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की है। एशियानेट हिंदी की टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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