कोरोना से जंगः वैक्सीन से वायरस को नहीं उसके प्रोटीन को बनाया जाएगा निशाना, जड़ से खत्म होगा संक्रमण

ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक कोरोना को रोकने के लिए नए प्रयोग कर रहे हैं। वैज्ञानिक अब फ्लू की वैक्सीन से कोरोना को मात देने की तैयारी में जुटे हैं। विक्टोरिया राज्य में इंसानों पर इसका ट्रायल शुरू हो चुका है। वैक्सीन का नाम NVX-CoV2373 है और इसे अमेरिकी कम्पनी नोवावैक्स ने बनाया है।
 

Asianet News Hindi | Published : May 28, 2020 2:15 AM IST

मेलबर्न. दुनिया में कोरोना का संकट गहराता जा रहा है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक दिन रात काम कर रहे हैं। कई देशों में वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है। इन सब के बीच ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक कोरोना को रोकने के लिए नए प्रयोग कर रहे हैं। वैज्ञानिक अब फ्लू की वैक्सीन से कोरोना को मात देने की तैयारी में जुटे हैं। विक्टोरिया राज्य में इंसानों पर इसका ट्रायल शुरू हो चुका है। वैक्सीन का नाम NVX-CoV2373 है और इसे अमेरिकी कम्पनी नोवावैक्स ने बनाया है। ऐसा कहा जा रहा है कि पूरे दक्षिणी गोलार्ध में ये किसी कोरोना वैक्सीन का पहला ट्रायल है और यह समझने की कोशिश की जा रही है कि कोरोना वायरस पर इसका असर कितना होता है।

पूरे वायरस पर नहीं स्पाइक प्रोटीन पर वार करेंगी इम्यून कोशिकाएं

कंपनी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, वैक्सीन इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं पर दबाव बनाएगी ताकि ये वायरस से लड़ें। ट्रायल में इस्तेमाल हो रही वैक्सीन की खास बात है कि यह पूरे वायरस को टार्गेट करने की बजाय कोरोना के स्पाइक प्रोटीन पर वार करेगी। वायरस का यही हिस्सा संक्रमण के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है।

कोरोना का प्रोटीन छोटे-छोटे टूकड़ों में टूटेगा 

शोधकर्ताओं का कहना है कि वैक्सीन के कारण कोरोना का प्रोटीन छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटेगा, जिसे नैनो पार्टिकल्स कहते हैं। शरीर की इम्यून कोशिकाएं इन कणों को छोटा वायरस समझकर सक्रिय होंगी और पकड़ेंगी।

बार-बार करेंगे अलर्ट 

शोधकर्ताओं के मुताबिक, वैक्सीन में मेट्रिक्स-एम नाम के नैनो पार्टिकल्स रहेंगे यह शरीर में खतरा देखते ही इम्यून कोशिकाओं को सिग्नल देंगे। यह कोशिकाओं को बार-बार अलर्ट व एक्टिव करेंगे ताकि ये प्रोटीन के टुकड़ों को खत्म कर सकें।

इंफ्लूंएजा वायरस के वैक्सीन पर प्रयोग 

कोरोना पर जिस वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है वह इंफ्लूएंजा वायरस पर आधारित है, जिसे नैनोफ्लू कहते हैं। इसे नोवावैक्स कम्पनी ने ही बनाया था। पिछले साल अक्टूबर में इसके तीसरे चरण का ट्रायल 2650 वॉलंटियर्स पर किया गया था। 

दुनिया में कोरोना का हाल 

दुनिया में कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या  57 लाख 88 हजाप 928 हो गई है। जबकि अब तक 3 लाख 57 हजार 426 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि राहत की बात है कि अब तक 24 लाख 97 हजार 593 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। संक्रमण के कहर से अमेरिका बुरी तरह से प्रभावित है। यहां पॉजिटिव केसों की संख्या 17 लाख 45 हजार से अधिक है। जबकि अब तक 1.2 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। 

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