फ्रांस सरकार ने अपने देश में मुस्लिमों के प्रवेश पर लगाया रोक, क्योंकि अधिकांश मुसलमान...

फ्रांस ने 2020 के बाद अपने देश में किसी भी अन्य देश से आने वाले मुस्लिम इमामों पर रोक लगा दी है। फ्रांस सरकार ने आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए यह फैसला लिया है। फ्रांस में हर साल करीब 300 इमाम दुनियाभर के देशों से आते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Feb 19, 2020 2:01 PM IST

पेरिस. जर्मनी में मुसलमानों को लेकर विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं। इस बीच, फ्रांस ने भी अपने देश में विदेशी इमामों को नहीं आने का फरमान सुना दिया है। फ्रांस सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि देश में आतंकी गतिविधियों को रोका जा सके। इस फैसले पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मुहर भी लगा दी है। दरअसल, फ्रांस सरकार ने आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए यह फैसला लिया है।  

हर साल आते हैं 300 इमाम 

राष्ट्रपति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हमने 2020 के बाद अपने देश में किसी भी अन्य देश से आने वाले मुस्लिम इमामों पर रोक लगा दी है। फ्रांस में हर साल करीब 300 इमाम दुनियाभर के देशों से आते हैं। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बताया कि इस कदम से फ्रांस में आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगेगी। फ्रांस में ज्यादातर इमाम अल्जीरिया, मोरक्को और तुर्की से आते हैं। वे यहां आकर मदरसों में पढ़ाते हैं। हमने फ्रेंच मुस्लिम काउंसिल (CFCM) से कहा है कि वे इस बात पर नजर रखें कि 2020 के बाद कोई विदेशी मुस्लिम इमाम फ्रांस में न आए।

सभी आतंकी मुसलमान नहीं है, लेकिन अधिकांश...

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने CFCM से यह भी कहा है कि फ्रांस में मौजूद सभी विदेशी इमामों को फ्रेंच सीखने को कहें और साथ ही कट्टरपंथी भावनाएं न भड़काएं। किसी भी प्रकार की आतंकी गतिविधियों में शामिल न हों। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बाहर से आ चुके सभी मुस्लिम इमाम फ्रांस के कानून की रक्षा करें। 

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि ये जरूरी नहीं है कि सभी आतंकी मुस्लिम ही हों। लेकिन ज्यादातर मामलों में इस्लामिक आतंकवाद ही सामने आता है। इसलिए हमने ऐसा कदम उठाया है। मेरी सभी धर्मों के लोगों से अपील है कि फ्रांस की रक्षा करें। इस देश के कानून का पालन करें।

धर्म के नाम पर मिले पैसों को हो रहा गलत इस्तेमाल 

राष्ट्रपति ने कहा कि फ्रांस की संस्कृति और परंपराओं को सीखने की कोशिश करें। इससे उनका ज्ञान और अनुभव बढ़ेगा। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बताया कि इस साल सितंबर के बाद फ्रांस में विदेशी मुस्लिम इमामों पर देश में आने पर रोक लग जाएगी। राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि कैसे धर्म के नाम पर लोग मस्जिदों को पैसे भेजते हैं। इन पैसों का उपयोग गलत कामों के लिए होता है। फ्रांस मुसलमानों के खिलाफ नहीं है लेकिन आतंकवाद का समर्थन करने वालों के पक्ष में भी नहीं हैं। इसलिए ऐसा करने वालों को हम नहीं छोड़ेंगे। 

9 मुस्लिम देशों पर लगा प्रतिबंध 

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि हमारे देश में 9 मुस्लिम देशों से इमाम आकर पढ़ाते हैं। लेकिन अब मेरी सरकार इस बात को पुख्ता करेगी कि भविष्य में इन 9 देशों से कोई इमाम न आने पाए। इस आदेश के बाद राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। दक्षिणपंथी पार्टी के लीडर मैरीन ले-पेन ने मैक्रों पर आरोप लगाया है कि वे फ्रांस में मुसलमानों के लिए सही फैसले नहीं ले पा रहे हैं। फ्रांस में मुसलमानों की एकता बनाए रखना जरूरी है। 

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