ट्यूनीशिया का था फ्रांस में हमला करने वाला आतंकी, पकड़े जाने से पहले अल्लाह-हू-अकबर का लगा रहा था नारा

फ्रांस के नीस शहर में गुरुवार को आतंकी हमले में 3 लोगों की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि आतंकी ट्यूनीशिया का नागरिक था। वह इटली से फ्रांस पहुंचा था। आरोपी की उम्र 20 साल है। नीस के मेयर क्रिस्टियन एट्रोसी के मुताबिक, आतंकी पकड़े जाने के बाद अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगा रहा था। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 30, 2020 9:58 AM IST

पेरिस. फ्रांस के नीस शहर में गुरुवार को आतंकी हमले में 3 लोगों की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि आतंकी ट्यूनीशिया का नागरिक था। वह इटली से फ्रांस पहुंचा था। आरोपी की उम्र 20 साल है। नीस के मेयर क्रिस्टियन एट्रोसी के मुताबिक, आतंकी पकड़े जाने के बाद अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगा रहा था। उन्होंने कहा, इसके बाद कोई शक नहीं है कि उसका मकसद क्या था।

फ्रांस के एंटी टेरर डिपार्टमेंट ने बताया कि हमलावर की पहचान ट्यूनीशिया के नागरिक के तौर पर हुई है। वह 20 सितंबर को ही इटली से फ्रांस आया था। वह 9 अक्टूबर को फ्रांस पहुंचा था। पुलिस की कार्रवाई में वह गंभीर रूप से जख्मी हुआ है, पेरिस में उसका इलाज चल रहा है। 

आतंकवाद के खिलाफ फ्रांस को मिला दुनिया भर का समर्थन
उधर, आतंकवाद के खिलाफ फ्रांस का दुनियाभर का समर्थन मिला है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, अमेरिका इस लड़ाई में अपने सबसे पुराने सहयोगी के साथ खड़ा है। हमारा दिल फ्रांस के लोगों के साथ है। इन कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवादी हमलों को तुरंत रोकना चाहिए। 
 
वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, बर्बर हमले की खबर सुनकर हैरान हूं। यूके आतंक और असहिष्णुता के खिलाफ फ्रांस के साथ मजबूती से खड़ा है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी हमले की निंदा की। उन्होंने ट्वीट कर सभी सभ्य देशों को फ्रांस के साथ पूर्ण एकजुटता के साथ खड़े होने की बात कही। वहीं, ईरान और यूएई ने भी इस हमले की निंदा की है। 

भारत ने किया फ्रांस का समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं फ्रांस में हाल ही में हुए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा करता हूं। पीड़ितों और फ्रांस के लोगों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना हैं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत फ्रांस के साथ खड़ा है।

मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री बोले- मुसलमानों को फ्रांस के लोगों की हत्या का हक
उधर, मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, धर्म से परे, गुस्साए लोग हत्या करते हैं। फ्रांस ने अपने इतिहास में लाखों लोगों की हत्या की है जिनमें से कई मुस्लिम थे। मुस्लिमों को गुस्सा होने और इतिहास में किए गए नरसंहारों के लिए फ्रांस के लाखों लोगों की हत्या करने का हक है।

Share this article
click me!