जापान के पूर्व PM शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में शामिल हुए PM मोदी, मित्रता का ग्रेट चैम्पियन बताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जापान पहुंचे। जापान रवाना होने से पहले मोदी ने tweet करके शिंजो आबे को भारत-जापान मित्रता का एक ग्रेट चैंपियन बताया।

Amitabh Budholiya | Published : Sep 27, 2022 1:27 AM IST / Updated: Sep 27 2022, 12:51 PM IST

टोक्यो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Former Japanese prime minister Shinzo Abe) के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मंगलवार को टोक्यो पहुंचे। आबे को श्रद्धांजलि देने के लिए मोदी सहित दुनिया के कई नेता जापान पहुंचे। आबे के अंतिम संस्कार में 20 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों और सरकारों सहित 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद लगाई गई थी। पारिवारिक तौर पर शिंजो का अंतिम संस्कार 15 जुलाई को कर दिया गया था। हालांकि, आज होनेवाला स्टेट फ्यूनरल प्रतीक के तौर पर था। 

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फुमियो किशिदा से मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यहां अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा(Fumio Kishida) से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत-जापान विशेष रणनीतिक और ग्लोबल पार्टनरशिप को और मजबूत करने के अपने कमिट्मेंट को दुहराया।किशिदा मार्च में वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत आए थे, जबकि मोदी मई में क्वाड लीडर्स समिट के लिए जापान गए थे। मुलाकात के दौरान मोदी ने कहा-भारत और जापान की दोस्ती ने एक वैश्विक प्रभाव पैदा करने में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-जापान संबंध और अधिक गहरे होंगे। हम विश्व में समस्याओं के समाधान में एक उचित भूमिका निभाने के लिए समर्थ बनेंगे। इस दुख की घड़ी में आज हम मिल रहे हैं। पिछली बार जब मैं आया तब शिंजो आबे से काफी लंबी बात हुई थी और कभी सोचा ही नहीं था कि जाने के बाद ऐसी खबर सुनने की नौबत आएगी।

जापान पहुंचने पर मोदी ने किया tweet
जापान रवाना होने से पहले मोदी ने tweet किया था-"मैं पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे, एक प्रिय मित्र और भारत-जापान मित्रता के एक ग्रेट चैंपियन के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए आज रात टोक्यो की यात्रा कर रहा हूं। मैं सभी भारतीयों की ओर से प्रधानमंत्री किशिदा और श्रीमती आबे के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करूंगा। हम आबे की परिकल्पना के अनुसार भारत-जापान संबंधों को और मजबूत करने के लिए काम करना जारी रखेंगे।" टोक्यो पहुंचने पर भी मोदी ने एक ट्वीट किया और विमान से उतरते समय तस्वीर पोस्ट कीं। उन्होंने जापानी भाषा में भी ऐसा ही एक ट्वीट पोस्ट किया था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची(xternal Affairs Ministry spokesperson Arindam Bagchi) ने ट्वीट किया, "पीएम @narendramodi टोक्यो पहुंचे। आज बाद में पूर्व पीएम शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में भाग लेंगे। PM @ kishida230 के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। भारत-जापान को और मजबूत करने के कमिटमेंट की दिशा में विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी पर चर्चा करेंगे।"

8 जुलाई को आबे की हत्या कर दी गई थी
बता दें कि आबे की 8 जुलाई को दक्षिणी जापानी शहर नारा( Nara) में एक चुनावी कैम्पेन स्पीच के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भारत ने आबे के सम्मान में 9 जुलाई को एक दिन का राष्ट्रीय शोक( national mourning) मनाया था। मोदी के जापान जाने से पहले सोमवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश सचिव विनय क्वात्रा( Vinay Kwatra) ने कहा कि मोदी बुडोकन(Budokan) में राजकीय अंतिम संस्कार समारोह में शामिल होंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और आबे की पत्नी अकी से मुलाकात के अलावा अकासा पैलेस में एक अभिवादन समारोह में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, "यह यात्रा पीएम मोदी के लिए पूर्व पीएम आबे की स्मृति को सम्मानित करने का एक अवसर होगा, जिन्हें वह एक प्रिय मित्र और भारत-जापान संबंधों का एक महान चैंपियन मानते थे।"

क्वात्रा ने कहा कि मोदी और आबे ने एक दशक से अधिक समय तक अपनी मीटिंग और बातचीत के जरिये एक पर्सनल बांड विकसित किया था, जिसकी शुरुआत 2007 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी की जापान यात्रा से हुई थी। विदेश सचिव ने कहा कि भारत-जापान रिलेशनशिप में आबे के योगदान को मान्यता तब मिली, जब भारत ने उन्हें 2021 में प्रतिष्ठित पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया।

यह भी जानिए
आबे जापान के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधान मंत्री थे। वे  देश के सबसे अधिक पहचाने जाने वाले पॉलिटिकल फिगर थे, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों और उनकी एबेनॉमिक्स आर्थिक रणनीति(इकोनॉमिक सुधार) के लिए जाना जाता था। उन्होंने हेल्थ इश्यू के कारण 2020 में इस्तीफा दे दिया था, लेकिन एक प्रमुख राजनीतिक आवाज बने रहे। वे अपनी सत्ताधारी पार्टी के लिए प्रचार कर रहे थे, जब एक अकेले बंदूकधारी ने 8 जुलाई को उनकी हत्या कर दी थी।

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