F-16 security assistance: अमेरिका ने दी सफाई-हम चाहते हैं कि पड़ोसियों के रिश्ते रचनात्मक हों

अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दिए गए 'एफ-16 फ्लीट पैकेज(American F-16 security assistance) को लेकर भारत की कड़ी आपत्ति पर अमेरिका ने सफाई दी है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा-"ये दोनों हमारे पार्टनर हैं।  हमारे कई मामलों में साझा हित हैं।"

वाशिंगटन. अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दिए गए 'एफ-16 फ्लीट पैकेज(American F-16 security assistance) को लेकर भारत की कड़ी आपत्ति पर अमेरिका ने सफाई दी है। सोमवार को बिडेन प्रशासन ने जोर दिया कि भारत और पाकिस्तान दोनों डिफरेंट पॉइंट्स पर अमेरिका के पार्टनर हैं। बता दें कि  भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर(External Affairs Minister S Jaishankar) ने रविवार वाशिंगटन में को कहा था कि  यह हर कोई जानता है कि इसका(एफ-16 फ्लीट पैकेज) उपयोग कहां और किसके खिलाफ किया जाता है? आप(अमेरिका) ये बातें कहकर किसी को बेवकूफ नहीं बना रहे हैं।" इसके जवाब में सोमवार को अमेरिका ने अपनी बात रखी।

एक-दूसरे के साथ संबंधों को नहीं देखते
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस(Spokesperson Ned Price) ने अपनी डेली न्यूज कॉन्फ्रेंस में कहा-"ये दोनों हमारे पार्टनर हैं। हम दोनों को पार्टनर के रूप में देखते हैं, क्योंकि हमारे पास कई मामलों में साझा मूल्य हैं। हमारे कई मामलों में साझा हित हैं।"

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बता दें कि 8 सितंबर को जो बिडेन प्रशासन(Joe Biden administration) ने पाकिस्तान को $450 मिलियन F-16 फाइटर जेट फ्लीट मेंटेनेंस प्रोग्राम को मंजूरी दी है। बिडेन ने ट्रम्प प्रशासन के उस फैसले को उलट दिया, जिसमें अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के लिए सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करने के लिए इस्लामाबाद को सैन्य सहायता निलंबित कर दी गई थी। बिडेन प्रशासन ने तर्क दिया है कि  F-16 fleet पैकेज  का फैसला भारत को किसी तरह का संदेश(चेतावनी) के रूप में नहीं लिया गया है, बल्कि इस्लामाबाद के साथ अमेरिका की डिफेंस पार्टनरशिप से जुड़ा है,जो मुख्य रूप से आतंकवाद और न्यूक्लियर सिक्योरिटी पर फोकस है। इस मामले में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन(US Defense Secretary Lloyd Austin) के साथ बातचीत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को एफ-16 पैकेज के बारे में भारत की चिंता व्यक्त की थी। 

पड़ोसियों के संबंध रचनात्मक हों
प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा, "हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहते हैं कि इन पड़ोसियों के संबंध यथासंभव रचनात्मक हों। अफगानिस्तान में अस्थिरता और हिंसा को देखना पाकिस्तान के हित में नहीं है। अफगानिस्तान के लोगों को सपोर्ट करना एक एक मुद्दा है, जिस पर हम अपने पाकिस्तानी सहयोगियों के साथ नियमित रूप से चर्चा करते हैं। हमारे प्रयास हैं कि अफगान लोगों के जीवन और आजीविका और मानवीय स्थितियों में सुधार हो। हम यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि तालिबान अपने कमिटमेंट़्स पर खरा उतरे।"

प्राइस ने कहा कि इनमें से कई समान कमिटमेंट्स में पाकिस्तान शामिल है: आतंकवाद विरोधी कमिटमेंट्स(counterterrorism commitments), सुरक्षित मार्ग के लिए कमिटमेंट्स( commitments to safe passage), अफगानिस्तान के नागरिकों के लिए कमिटमेंट्स।" इन कमिटमेंट़्स को पूरा करने के लिए तालिबान की ओर से अनिच्छा या अक्षमता का पाकिस्तान के लिए भी महत्वपूर्ण प्रभाव होगा।" प्राइस ने कहा,"इसलिए, इस कारण से हम अपने पड़ोसी के संबंध में पाकिस्तान के साथ कई हितों को शेयर करते हैं। अमेरिका उस तबाही पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसमें  पाकिस्तान के बड़े क्षेत्रों को तबाह करने वाली मूसलाधार बाढ़ से लोगों की जान चली गई है। हमने इन बाढ़ों के लिए लाखों डॉलर की राहत प्रदान की है। 

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