G20 Virtual Summit: पुतिन ने G20 के नेताओं से पूछा- यूक्रेन युद्ध से हिल गए, गाजा में मौतों से नहीं पड़ा असर

जी20 वर्चुअल समिट (G20 Virtual Summit) में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तीखे सवाल किए। उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध से हिल जाने वालों को गाजा में हो रही मौतों से कोई असर नहीं हुआ।

Vivek Kumar | Published : Nov 22, 2023 3:42 PM IST

नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को होस्ट किए गए जी20 वर्चुअल समिट (G20 Virtual Summit) में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) शामिल हुए। अपनी स्पीच में उन्होंने जी20 के नेताओं से तीखे सवाल किए। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन युद्ध से हिल जाने वालों पर गाजा में हो रही मौतों का असर नहीं हुआ।

व्लादिमीर पुतिन ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष और यूक्रेन के साथ रूस की स्थिति के बीच समानताएं बताईं। उन्होंने गाजा में मानवीय संकट पर प्रतिक्रियाओं पर जी20 के नेताओं को चुनौती दी। पुतिन ने खुले अंतरराष्ट्रीय सहयोग की वकालत करते हुए बदलती विश्व व्यवस्था में सामूहिक सर्वसम्मति वाले निर्णयों की आवश्यकता पर बल दिया। सितंबर में नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में पुतिन शामिल नहीं हुए थे। उनकी जगह रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव दिल्ली आए थे।

 

 

पुतिन ने इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध पर की बात

बुधवार को जी20 वर्चुअल समिट में पुतिन ने इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध पर बात की। उन्होंने गाजा पट्टी में आम लोगों की मौतें और बिना बेहोश किए बच्चों की सर्जरी जैसी संकटपूर्ण परिस्थितियों की चर्चा की। इसके साथ ही इस मुद्दे पर जी20 नेताओं की प्रतिक्रियाओं पर सवाल उठाए। उन्होंने यूक्रेन में रूस की आक्रामकता के बारे में उनकी चिंताओं को गाजा में मानवीय संकट के साथ जोड़ा।

पुतिन ने कहा, "क्या यह बात आपको झकझोर देती है कि संयुक्त राष्ट्र के सचिव ने कहा कि गाजा पट्टी बच्चों के विशाल कब्रिस्तान में बदल गई है।" दरअसल, जी20 के कई नेताओं ने पहले बोलते हुए कहा था कि वे यूक्रेन में रूस की आक्रामकता से हिल गए थे। पुतिन ने वर्तमान वैश्विक स्थिति में सामूहिक सर्वसम्मति वाले निर्णयों की आवश्यकता पर जोर देते हुए इस बात पर जोर दिया कि विश्व व्यवस्था में बदलाव को स्वीकार किया जाना चाहिए। खुले अंतरराष्ट्रीय सहयोग की वकालत करते हुए उन्होंने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को फिर से शुरू करने और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए रूस का समर्थन व्यक्त किया।

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