Gaza Peace Summit: इजराइल ने हर दिन मारे 91 लोग, जंग थमने से पहले लगाया लाशों का अंबार

Published : Oct 14, 2025, 12:24 PM IST
Gaza Peace Summit 2025

सार

इजराइल-हमास के बीच पिछले दो साल से चली आ रही जंग अब थम चुकी है। लेकिन इन दो सालों में गाजा में जो तबाही मची है, वो हैरान करने वाली है। गाजा की 80% इमारतें जहां तबाह हो चुकी हैं, वहीं 67000 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 

Gaza Peace Summit 2025: इजराइल हमास के बीच पिछले 2 साल से चली आ रही जंग अब थमने के आसार हैं। सोमवार 13 अक्टूबर को मिस्र के शर्म-अल-शेख में हुई गाजा पीस समिट में हमास और इजराइल ने घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अलावा मिस्र, कतर, तुर्की, पाकिस्तान समेत करीब 20 देश के नेताओं की मौजूदगी में दोनों देशों ने शांति का रास्ता अपनाने पर जोर दिया। माना जा रहा है कि इस समझौते के बाद मिडिल-ईस्ट में शांति आएगी।

गाजा पीस समिट से पहले दोनों ने रिहा किए एक-दूसरे के बंधक

गाजा पीस समिट से ठीक पहले इजराइल-हमास ने एक-दूसरे के बंधकों को रिहा किया। हमास ने जहां इजराइल के 20 बंधकों को छोड़ा तो वहीं इजराइल ने भी 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया। कैदियों के अदला-बदली के कुछ घंटों बाद ही गाजा पीस समिट में इजराइल-हमास ने घोषणा-पत्र पर साइन किए।

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इन 4 देशों ने गारंटर के रूप में किए साइन

गाजा पीस समिट 2025 के लिए दुनियाभर के नेता मिस्र में इकट्ठा हुए। इस दौरान समझौते को लेकर काफी लंबी चर्चा हुई। बाद में अमेरिका के अलावा मिस्र, तुर्की और कतर ने गारंटर के रूप मे इस समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए ज्वॉइंट स्टेटमेंट जारी किया। इसमें गाजा सीजफायर का समर्थन करते हुए पूरे इलाके में स्थायी शांति की अपील की गई। बयान में कहा गया कि इस समझौते से पिछले दो साल से चली आ रही भीषण त्रासदी खत्म होगी।

जंग थमने से पहले इजराइल ने हर दिन मारे 91 लोग

गाजा में पिछले दो साल से चली आ रही जंग में 67000 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इस हिसाब से देखें तो 737 दिनों में इजइराज ने हर रोज 91 लोगों को मारा है। इसके अलावा 1.70 लाख से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मरने वालों में 20,000 से ज्यादा बच्चे हैं।

गाजा की 80% इमारतें खंडहर, बिखरा 5.40 करोड़ टन मलबा

इजराइल ने पिछले 2 साल में गाजा में जो तबाही मचाई है, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 23 लाख की आबादी वाले इस शहर की 80% बिल्डिंग्स खंडहर बन चुकी हैं। गाजा के 87% घर तबाह हो चुके हैं, जबकि 68% रोड़ नेटवर्क ध्वस्त हो चुका है। इजराइली सेना के हवाई हमलों से ऊंची-ऊंची इमारतें अब मलबे के ढेर में तब्दील हो चुकी हैं। बिल्डिंग्स के ढहने से शहर में 5.40 करोड़ टन मलबा इकट्ठा हो गया है, जिसे हटाने में 10 साल से भी ज्यादा का समय लग सकता है।

गाजा के 90% अस्पताल-यूनिवर्सिटी तबाह

पिछले दो साल में गाजा में हुई इजराइली बमबारी में वहां के 90 प्रतिशत अस्पताल और यूनिवर्सिटी पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान हुआ है। खंडहर बन चुके गाजा को अब दोबारा शहर बनने में कई दशक लग जाएंगे। गाजा में 19 लाख लोग बेघर हो चुके हैं, जिनके पास अब अपना कोई ठिकाना नहीं है। इसके अलावा 5 लाख से ज्यादा लोग भुखमरी से जूझ रहे हैं। कुल मिलाकर गाजा की शांति भारी तबाही के बाद आई है।

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