कोरोना वायरस की वजह से समुद्र में खड़ा है क्रूज, फंसे भारतीयों की हरसंभव मदद करेगी सरकार

Published : Feb 16, 2020, 06:53 PM ISTUpdated : Feb 17, 2020, 01:23 PM IST
कोरोना वायरस की वजह से समुद्र में खड़ा है क्रूज, फंसे भारतीयों की हरसंभव मदद करेगी सरकार

सार

 भारत कोराना वायरस के संक्रमण की वजह से जापान के तट पर पृथक खड़े क्रूज जहाज में मौजूद भारतीयों को सोमवार से शुरू होने वाले अंतिम परीक्षण में स्वस्थ पाए जाने के बाद स्वदेश लाने में हरसंभव मदद करेगा

टोक्यो: भारत कोराना वायरस के संक्रमण की वजह से जापान के तट पर पृथक खड़े क्रूज जहाज में मौजूद भारतीयों को सोमवार से शुरू होने वाले अंतिम परीक्षण में स्वस्थ पाए जाने के बाद स्वदेश लाने में हरसंभव मदद करेगा। यह जानकारी टोक्यो स्थित भारतीय दूतावास ने दी।

जापान के तट पर इस महीने के शुरू में खड़े डायमंड प्रिंसेस नामक जहाज पर कुल 3,711 लोग सवार हैं। इनमें 132 चालक दल के सदस्य और 6 यात्रियों सहित कुल 138 भारतीय सवार हैं जिनमें से तीन लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इस बीच जहाज पर कोराना वायरस (कोविड-19) से संक्रमित की लोगों की संख्या रविवार को 355 तक पहुंच गई।

संक्रमण का अंतिम परीक्षण किया जाएगा 

भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर बताया, ‘‘जहाज पर 17 फरवरी से कोरोना वायरस के संक्रमण का अंतिम परीक्षण किया जाएगा और यह अगले कई दिनों तक जारी रहेगा।’’ दूतावास ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि बहादुरी से स्थिति का सामना कर रहे भारतीय नागरिक परीक्षण में संक्रमण से मुक्त पाए जाएंगे और उन्हें स्वदेश जाने की अनुमति मिलेगी। टोक्यो स्थित भारतीय दूतावास सभी संभव मदद मुहैया कराने के लिए तैयार है।’’

दूतावास ने शनिवार को बताया था कि कोरोना वायरस से संक्रमित तीन लोगों की सेहत में सुधार हो रहा है। भारतीय मिशन ने ट्वीट किया था, ‘‘ यह सूचित कर खुशी हो रही है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज करा रहे तीन भारतीयों की सेहत में सुधार हुआ है और जहाज पर भारतीयों के संक्रमित होने के नए मामले नहीं आए हैं।

दूतावास ने बताया कि पृथक केंद्र में रहने की अवधि समाप्त होने पर भारतीयों को जहाज से यथाशीघ्र उतारने और उनके कल्याण के लिए जापान सरकार और जहाज प्रबंधन से चर्चा की जा रही है।

भारतीय दूतावास ने जहाज पर मौजूद भारतीयों को भी ई-मेल के जरिये भरोसा दिया है कि उनकी हरसंभव मदद की जाएगी।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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