
H-1B visa USA 2025: डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन (Trump administration) द्वारा इमिग्रेशन पर कड़े रुख के चलते अमेरिका में काम कर रहे विदेशी टेक वर्कर्स की चिंता तेजी से बढ़ती जा रही है। Amazon, Google, Apple, Microsoft जैसी दिग्गज कंपनियों ने अपने वीजा धारक कर्मचारियों को सलाह दी है कि वे अमेरिका से बाहर यात्रा करने से बचें क्योंकि उन्हें दोबारा प्रवेश पाने में मुश्किल हो सकती है।
The Washington Post की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की कई कानून कंपनियों ने चेतावनी दी है कि H-1B और ग्रीन कार्ड (Green Card) जैसे हाई-स्किल्ड वीजा के लिए रिजेक्शन दर बढ़ सकती है।
सैन फ्रांसिस्को की कानूनी कंपनी Goeschl Law के प्रमुख वकील मैल्कम गोएशल ने बताया कि इस समय हम केवल चिंता और घबराहट देख रहे हैं। ट्रंप प्रशासन की गति बढ़ती जा रही है और हमें नहीं पता आगे क्या होगा।
रिपोर्ट में भारत के दो टेक वर्कर्स का जिक्र है जिन्होंने भारत यात्रा की योजना रद्द कर दी क्योंकि उन्हें डर है कि वापस अमेरिका आने में उन्हें वीजा अड़चन झेलनी पड़ सकती है।
एक कर्मचारी ने बताया कि यहां मान लिया गया है कि हर गैर-अमेरिकी नागरिक अवैध रूप से रह रहा है। दूसरे ने कहा कि हम जब भी बाहर निकलते हैं, अपने सारे दस्तावेज़ साथ लेकर चलते हैं।
H-1B वीजा नीति को लेकर ट्रंप के समर्थकों में भी मतभेद हैं। एक ओर टेक लीडर्स हैं, जो टैलेंटेड इमिग्रेंट्स की भर्ती करते हैं तो दूसरी ओर ऐसे लोग हैं जो अमेरिका में इमिग्रेशन को सीमित करना चाहते हैं। यह मतभेद दिसंबर 2024 में X (ट्विटर) पर सामने आया जब दोनों पक्षों के बीच बहस हुई।
एलन मस्क (Elon Musk) ने पोस्ट करते हुए कहा था कि हमें इस संख्या से दोगुना टैलेंटेड इंजीनियर्स चाहिए। अगर आप चाहते हैं कि आपकी टीम चैम्पियनशिप जीते, तो आपको दुनिया भर से टॉप टैलेंट भर्ती करना होगा।
USCIS (United States Citizenship and Immigration Services) के डेटा के अनुसार, Amazon ने 2025 के लिए 9,265 H-1B वीजा अप्रूवल हासिल किए, जो सबसे ज्यादा हैं। इसके बाद Cognizant (6,321) और Google (5,364) का स्थान है। Tesla, Meta, Apple, Microsoft, IBM जैसी कंपनियां भी टॉप लिस्ट में रहीं।
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