
हॉन्गकॉन्ग: हॉन्गकॉन्ग विश्वविद्यालय परिसर में सोमवार को लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को आगे बढ़ने से रोकने के लिए विश्वविद्यालय परिसर के मेन गेट पर आग लगा दी। इसके बाद अधिकारियों ने चेतावनी दी कि इस प्रदर्शन को रोकने के लिए वे खुलेआम गोलीबारी कर सकते हैं। हॉन्गकॉन्ग में करीब छह महीने से लोगों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। चीन ने भी चेतावनी दी है कि वह सरकार के खिलाफ असंतोष को बर्दाश्त नहीं करेगा। बीजिंग सीधे इस अशांति को खत्म करने के लिए हस्तक्षेप कर सकता है।
यूनिवर्सिटी कैंपस ‘दंगाग्रस्त’ स्थल घोषित
सोमवार को हॉन्गकॉन्ग पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी (पॉलीयू) के प्रवेश द्वार पर तड़के से कई जोरदार धमाके हुए। पुलिस ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय के पास प्रदर्शन स्थल पर सोमवार को तड़के से तीन लाइव राउंड फायर किए। हालांकि, इसमें किसी भी व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचा है। रविवार को भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई। इस दौरान एक पुलिस अफसर भी घायल हो गया।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस छोड़े। वहीं प्रदर्शनकारियों ने पेट्रोल बम से हमला किया। पुलिस ने यूनिवर्सिटी कैंपस को ‘दंगाग्रस्त’ स्थल घोषित कर दिया। हॉन्गकॉन्ग में दंगा करने के लिए 10 साल तक जेल की सजा का प्रावधान है। पुलिस प्रवक्ता लुई लाऊ ने फेसबुक लाइव प्रसारण में चेतावनी जारी करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों को पेट्रोल बम, तीर का इस्तेमाल और पुलिस पर हमला नहीं करने को लेकर चेतावनी दी गई है। अगर वे ऐसे ही हमला करते रहे तो हमारे पास खुलेआम गोलीबारी करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा।
सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया
आपको बता दें कि हॉन्गकॉन्ग में प्रदर्शन शुरू होने से लेकर अब तक पुलिस की गोलीबारी में तीन प्रदर्शनकारी मारे गए हैं। इसके अलावा चेतावनी दिए बिना ही उन पर आंसू गैस भी छोड़े गए, रबर की गोलियों से हमले भी किए गए। एक प्रदर्शनकारी ने सोमवार सुबह कहा- मैं डरा हुआ हूं। हमारे पास इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं है। पॉल्यू काउंसिल के सदस्य और छात्र ओवेन ली ने कहा कि सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया है।
1997 में हॉन्गकॉन्ग को चीन के हवाले किया गया
हाल में प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। कुछ दिनों में इसकी वजह से दो लोगों की मौत हो गई है। इस सप्ताह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने संकट पर कहा कि एक देश दो प्रणाली फामूर्ला को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें कि 1997 में ब्रिटेन ने हॉन्गकॉन्ग को चीन के हवाले किया था।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
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