
नई दिल्ली। श्रीलंका में हालात बेहद खराब हो गए हैं। सरकार खिलाफ लोगों की नाराजगी इस कदर बढ़ती जा रही है कि यहां सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ दल के कुछ विधायकों, सांसदों और पूर्व मंत्रियों के घरों में आग लगा दी। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के पैतृक आवास को भी आग के हवाले कर दिया गया।
सरकार समर्थक और विरोध कर रहे लोगों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई है और लोग एक दूसरे को सड़कों पर मारते-काटते देखे जा रहे हैं। अब तक एक सांसद समेत समेत एक दर्जन लोग मारे गए हैं, जबकि तीन सौ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। वहीं, भूख से लोग इस कदर बेहाल हैं कि अब उन्होंने लूटपाट भी शुरू कर दी है। विरोध करने पर लोगों को मारा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि सरकार समर्थक और सत्तारूढ़ दल का विरोध कर रहे लोग के बीच सोमवार को हिंसक झड़प शुरू हुई। विरोध कर रहे लोग सांसद सनथ निशांथ, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केहेलिया रामबुकवेल्ला और एक अन्य पूर्व मंत्री जॉनसन फर्नांडो के घर के बाहर जमा हुए। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पहले घरों में तोड़फोड़ की और उसके बाद आग लगा दी। पुलिस के अनुसार, जब यह घटना हुई, तब घर में कोई मौजूद नहीं था और झड़प से पहले ही सांसद और मंत्री परिवार समेत वहां से जा चुके थे।
कर्फ्यू घोषित है, मगर प्रदर्शन कर रहे लोगों को इससे मतलब नहीं
यह हाल तब है जब श्रीलंका में सरकार ने कर्फ्यू घोषित किया हुआ है। इसे नजरअंदाज कर लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। देश में ईंधन और जरूरी संसाधनों की कमी है और लोगो को खाद्य पदार्थ और अन्य जरूरी समान हासिल करने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। इससे कालाबाजारी बढ़ गई है और चीजें बेहद महंगे दाम पर बेची जा रही है।
सरकार समर्थकों और विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच शुरू हो गई है जंग
बताया जा रहा है कि सरकार समर्थक लोगों ने विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हथियारों और लाठी-डंडों से हमला किया, जिसमें दर्जनों लोग घायल हुए इसके बाद लोगों का गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने सरकारी संपत्तियों और जनप्रतिनिधियों को सीधे निशाना बनाना शुरू कर दिया। दावा यह भी किया जा रहा है कि सरकार समर्थक लोगों को बसों में भर-भरकर लाया जा रहा है। उन्हें हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों से लड़ने के लिए सड़क पर छोड़ दिया जा रहा है। ऐसे में देश में गृह युद्ध जैसे हालात बन गए हैं।
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