पोलैंड में विजय दिवस समारोह के दौरान प्रदर्शनकारियों ने रूसी राजदूत पर लाल रंग फेंका, नहीं जा पाए कब्रिस्तान

पोलैंड (Poland) के वारसॉ में प्रदर्शनकारियों ने रूस के राजदूत सर्गेई एंड्रीव पर लाल रंग फेंका। रंग फेंके जाने के बाद भी एंबेसडर ने संयम बनाए रखा। विरोध प्रदर्शन के चलते राजदूत सोवियत सैनिकों के कब्रिस्तान में माल्यार्पण नहीं कर पाए।

Asianet News Hindi | Published : May 9, 2022 5:42 PM IST / Updated: May 09 2022, 11:14 PM IST

वारसॉ। रूस ने सोमवार को विजय दिवस (Victory Day) मनाया। इस दौरान राजधानी मॉस्को में भव्य परेड निकाला गया। वहीं, यूक्रेन के खिलाफ जंग (Russia Ukraine War) के चलते पोलैंड में रूस के विरोध में प्रदर्शन किया गया। पोलैंड के वारसॉ में प्रदर्शनकारियों ने रूस के राजदूत पर लाल रंग फेंक दिया। 

पोलैंड में रूस के राजदूत सर्गेई एंड्रीव विजय दिवस के अवसर पर सोवियत सैनिकों के कब्रिस्तान में माल्यार्पण करने पहुंचे थे। कब्रिस्तान के बाहर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे हुए थे। रूसी राजदूत जैसे ही आए लोग रूस विरोधी नारे लगाने लगे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने उन्हें घेर लिया और चेहरे पर लाल रंग फेंके। 

वीडियो हुआ वायरल 
सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल हो गया है। इसमें देखा जा सकता है कि एंड्रीव पर लाल पेंट फेंका जा रहा है। रंग फेंके जाने के बाद भी एंबेसडर अपना संयम बनाए रखते हैं। वह अपने चेहरे से रंग हटाने की कोशिश करते हैं, लेकिन प्रदर्शनकारियों को कोई जवाब नहीं देते हैं।

सोवियत सैनिकों के कब्रिस्तान में माल्यार्पण से रोका
प्रदर्शनकारियों ने राजदूत और रूसी प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों को वारसॉ में सोवियत सैनिकों के कब्रिस्तान में माल्यार्पण करने से रोक दिया। यूक्रेन में रूस के चल रहे युद्ध के पीड़ितों के प्रतीक नकली खून से लथपथ सफेद चादर पहने प्रदर्शनकारियों ने यूक्रेनी झंडे लिए और "फासीवादी" का नारा लगाया। रूसी प्रतिनिधिमंडल को पुलिस अधिकारियों के साथ लौटने के लिए मजबूर किया गया।

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यह घटना रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा 1945 में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की विजय की 77वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक भाषण देने के बाद हुई। पुतिन ने अपने भाषण में कहा कि यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई पश्चिमी नीतियों के लिए एक समय पर और आवश्यक प्रतिक्रिया है। जब "मातृभूमि" के भाग्य का फैसला किया जा रहा है तो उसकी रक्षा करना हमेशा पवित्र रहा है।

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