श्रीलंका के PM ने दिया इस्तीफा, आर्थिक संकट के चलते हिंसक झड़प तेज, सत्ताधारी पार्टी के सांसद की हत्या

आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) ने इस्तीफा दे दिया है। विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा था। वहीं, देश में हिंसक झड़पें और विरोध प्रदर्शन बढ़ गए थे, जिसके चलते पीएम ने पद छोड़ने का फैसला किया।

कोलंबो। श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) ने इस्तीफा दे दिया है। आर्थिक संकट के चलते देश में लगातार हो रही हिंसक झड़पों के बीच उन्होंने यह फैसला लिया है। श्रीलंका आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट के बीच से गुजर रहा है। 

श्रीलंका के स्वास्थ्य मंत्री प्रो चन्ना जयसुमना ने भी अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा है। अब तक राजपक्षे भाइयों (राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे) ने अपने इस्तीफे के आह्वान को टाल दिया था। इसके चलते अशांति और सरकार के खिलाफ विरोध तेज हो गया था।

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सत्ताधारी पार्टी के एक सांसद की मौत
झड़पों में श्रीलंका की सत्ताधारी पार्टी के एक सांसद की मौत हो गई है। अधिकारियों ने कहा कि सांसद अमरकीर्ति अथुकोरला की कार को निट्टंबुवा में रोका गया था। सांसद ने कार रोकने वालों पर गोली चलाई, जिससे दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इससे विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग उग्र हो गए। जान बचाने के लिए सांसद ने पास की एक इमारत में शरण लेने की कोशिश की जहां वह मृत पाए गए।

कोलंबो में सेना के जवान तैनात
सोमवार को महिंदा राजपक्षे द्वारा प्रधानमंत्री के रूप में पद छोड़ने की पेशकश की खबरों के बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर हिंसक झड़प शुरू हो गई। सरकार समर्थक समूहों ने प्रदर्शनकारियों पर हमला किया, जिससे 20 से अधिक लोग घायल हो गए। इसके बाद सरकार ने देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया और राजधानी में सेना के जवानों को तैनात कर दिया।

महिंदा राजपक्षे ने ट्विटर पर नागरिकों से संयम बरतने का आग्रह किया है। उन्होंने ट्वीट किया, "मैं अपनी आम जनता से संयम बरतने और याद रखने का आग्रह करता हूं कि हिंसा केवल हिंसा को जन्म देती है। हम जिस आर्थिक संकट में हैं, उसे एक आर्थिक समाधान की जरूरत है, जिसे हल करने के लिए यह प्रशासन प्रतिबद्ध है।"

 

 

 

आर्थिक संकट का सामना कर रहा श्रीलंका
बता दें कि श्रीलंका आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। विपक्ष इसके लिए सरकार को जिम्मेदार बता रहा है। आर्थिक संकट के चलते आम लोगों को भारी परेशानी हो रही है, जिसके चलते विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। विरोध प्रदर्शन और हिंसा तेज होने पर शुक्रवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी थी। श्रीलंका में एक महीने में दूसरी बार आपातकाल घोषित किया गया था। 

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श्रीलंका लगभग एक महीने से ईंधन, दवाओं और बिजली की आपूर्ति की भारी कमी का सामना कर रहा है। आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। आर्थिक संकट विदेशी मुद्रा की कमी के कारण हुआ है, जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर सकता है।

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