यमन में निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द होने की खबर, केन्द्र ने इसे बताया भ्रामक

Published : Jul 29, 2025, 06:38 AM ISTUpdated : Jul 29, 2025, 09:27 AM IST
nimisha priya

सार

Nimisha Priya Death Sentence Cancelled: भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया को यमन में मौत की सजा से राहत मिली है। अब उन्हें जीवनदान मिल गया है। बयान में यह भी कहा गया है कि यमन सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक लिखित पुष्टि नहीं मिली है।

Nimisha Priya Death Sentence Cancelled: यमन में हत्या के एक मामले में मौत की सजा का सामना कर रहीं भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया को आखिरकार जीवनदान मिल गया है। इस बात की जानकारी भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम ए.पी. अबूबकर मुसलियार के दफ्तर ने एक बयान जारी कर दी है। हालांकि, बयान में यह भी कहा गया है कि यमन सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक लिखित पुष्टि नहीं मिली है। इंडिया टुडे के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि निमिषा प्रिया मामले में जो शुरुआती जानकारी सामने आ रही है वो सही नहीं है।

मौत की सजा हुई रद्द

इससे पहले, यमन की हूती सरकार ने निमिषा की सजा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। सना में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया कि पहले से टाली गई मौत की सजा को अब पूरी तरह रद्द कर दिया जाएगा।

16 जुलाई को दी जानी थी सजा

निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को सजा-ए-मौत दी जानी थी, लेकिन भारत सरकार के प्रयासों से यह रोक दी गई। सरकार ने पीड़ित परिवार को ब्लड मनीदेने की पेशकश भी की थी, लेकिन परिवार इसके लिए तैयार नहीं हुआ।

यह भी पढे़ं: चेन्नई के दलित टेक्नोक्रेट की हत्या, पुलिस अफसर दंपत्ति के बेटे पर आरोप, इलाका में तनाव

कौन हैं ग्रैंड मुफ्ती शेख अबू बकर अहमद?

शेख अबू बकर अहमद, जिन्हें कंथापुरम एपी अबू बकर मुस्लियार के नाम से भी जाना जाता है, इस्लामी कानून  के विशेषज्ञ माने जाते हैं। वे भारत के सुन्नी मुस्लिम समुदाय के प्रमुख धार्मिक नेताओं में से एक हैं और दसवें ग्रैंड मुफ्ती माने जाते हैं। हालांकि यह पद सरकारी रूप से मान्यता प्राप्त नहीं है, लेकिन धार्मिक मामलों में उनकी राय का बड़ा महत्व है।

साल 2018 में यमन चली गई निमिषा

साल 2018 में 18 साल की निमिषा बेहतर भविष्य की तलाश में नर्स बनकर यमन चली गई थी। वहां उन्हें सरकारी अस्पताल में नौकरी मिल गई। नौकरी मिलने के बाद उन्होंने केरल में टॉमी थॉमस से शादी की। इसेक बाद दोनों की एक प्यारी सी बेटी हुई। कुछ साल यमन में रहने के बाद पति और बेटी भारत लौट आए जबकि निमिषा यमन में ही रही।

तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर खोला था क्लिनिक

बाद में उसने एक स्थानीय नागरिक तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर क्लिनिक खोला। लेकिन महदी ने उसके साथ धोखा किया औरउसका पासपोर्ट छीन लिया। इतना ही नहीं, उन्होंने उसकी कमाई हड़प ली और खुद को उसका पति बताने लगा। जब निमिषा ने मदद मांगी, तो पुलिस ने उल्टा उसे ही हिरासत में ले लिया।

निमिषा ने महदी को बेहोश करने के लिए दिया था ड्रग

2017 में एक जेल वार्डन की सलाह पर निमिषा ने महदी को बेहोश करने के लिए ड्रग दिया, लेकिन डोज ज्यादा हो गई और उसकी मौत हो गई। डर के चलते निमिषा ने शव के टुकड़े कर टैंक में छिपा दिया और फरार हो गई। एक महीने बाद वो पकड़ी गई। 2024 में उसे मौत की सजा सुनाई गई थी जो अब रद्द कर दी गई है।

 

 

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

13 लोगों के हत्यारे को पीड़ित के 13 वर्षीय रिश्तेदार ने 80 हजार लोगों के सामने दी फांसी
दिल्ली में पुतिन का पावर शो! मोदी-पुतिन मुलाकात में क्या हुआ? देखिए अंदर की शानदार तस्वीरें