भारत के लिए रूस ने बनाया युद्धपोत, लगा यूक्रेन का इंजन, जानें यह कैसे हुआ

Published : Dec 10, 2024, 11:43 AM ISTUpdated : Dec 10, 2024, 11:45 AM IST
INS Tushil

सार

रूस निर्मित, यूक्रेनी इंजन वाला युद्धपोत आईएनएस तुशिल भारतीय नौसेना में शामिल। यह Krivak III क्लास का एडवांस स्टील्थ मिसाइल फ्रिगेट है।

मॉस्को। रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई (Russia Ukraine War) चल रही है। ऐसे में दोनों देश मिलकर कोई बड़ा काम करेंगे इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है, लेकिन ऐसा हुआ है। वह भी भारत के लिए। भारत की नौसेना को रूस द्वारा बनाया गया नया युद्धपोत आईएनएस तुशिल (INS Tushil) मिल गया है। यह युद्धपोत रूस ने बनाया है, लेकिन इसमें लगा इंजन यूक्रेन में तैयार किया गया है।

फ्रिगेट आईएनएस तुशिल सोमवार को एक समारोह में भारतीय नौसेना में शामिल हुआ। इसमें भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे। भारत ने रूस को 2016 में इसके लिए ऑर्डर दिया था। यह Krivak III क्लास का एडवांस स्टील्थ मिसाइल फ्रिगेट है। भारतीय नौसेना के पास इस समय इस तरह के छह युद्धपोत है। सभी को रूस ने बनाया है। रूस में बनने वाले दो जहाजों के अलावा दो और ऐसे जहाजों को भारत में तैयार किया जाएगा। इन्हें गोवा शिपयार्ड में बनाया जाएगा।

 

 

दिलचस्प बात यह है कि इन फ्रिगेट्स में यूक्रेन द्वारा बनाए गए गैस टर्बाइन इंजन लगते हैं। रूस के साथ भारत के घनिष्ठ संबंध हैं। इसके साथ ही यूक्रेन के साथ भी भारत के अच्छे रिश्ते हैं। यही वजह है कि यूक्रेन एक ऐसे युद्धपोत के लिए इंजन देने के लिए तैयार हो गया जिसका निर्माण भारत के लिए किया जा रहा है। चाहे उसे बनाने वाला रूस ही क्यों न हो।

भारतीय नौसेना के बेड़े के अधिकांश जहाज यूक्रेनी कंपनी जोर्या-मैशप्रोक्ट द्वारा बनाए गए गैस टर्बाइन इंजनों का इस्तेमाल करते हैं। यह कंपनी समुद्री जहाजों के लिए गैस टर्बाइन इंजन बनाने में दुनिया में प्रमुख स्थान रखती है। लड़ाई के चलते भारत को यूक्रेन से इंजन खरीदने और रूस को देने में देर हुई।

ये हैं आईएनएस तुशिल की खास बातें

आईएनएस तुशिल भारतीय नौसेना का नया मल्टी-रोल, स्टेल्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है। 'तुशिल' नाम का अर्थ 'रक्षक कवच' है। इसे 'प्रोजेक्ट 11356' के तहत तैयार किया गया है। प्रोजेक्ट 11356 तलवार श्रेणी के फ्रिगेटों का कोड नाम है। यह भारतीय नौसेना के लिए रूस द्वारा डिजाइन किए गए और बनाए गए स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेटों का एक क्लास है।

तलवार क्लास के फ्रिगेट का डिजाइन एडमिरल ग्रिगोरोविच क्लास के फ्रिगेट के एडवांस वर्जन के रूप में विकसित किया गया है। ग्रिगोरोविच क्लास के फ्रिगेट का इस्तेमाल रूसी नौसेना करती है। 1999 से 2013 के बीच रूस ने ऐसे 6 जहाज बनाए और भारत को दिए।

125 मीटर लंबे और 3,900 टन वजनी आईएनएस तुशिल में हमला करने के लिए 8 ब्रह्मोस मिसाइल हर वक्त तैयार कहते हैं। हवाई हमले से बचाव के लिए इसके पास 24 सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल लॉन्च करने की व्यवस्था है।

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