5 साल बाद भारत-पाकिस्तान में हो सकता है परमाणु युद्ध, 10 करोड़ लोग मारे जाएंगे : शोध

 भारत और पाकिस्तान में जारी तनाव के बीच अमेरिका की एक रिसर्च सामने आई है। जिसमें कहा गया है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध होता है तो 10 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हो जाएगी और दुनियाभर में भुखमरी फैल जाएगी। दरअसल दोनों देशों के बीच जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर तनाव बना हुआ है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 3, 2019 6:12 AM IST / Updated: Oct 03 2019, 12:34 PM IST

वॉशिंगटन. भारत और पाकिस्तान में जारी तनाव के बीच अमेरिका की एक रिसर्च सामने आई है। जिसमें कहा गया है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध होता है तो 10 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हो जाएगी और दुनियाभर में भुखमरी फैल जाएगी। दरअसल दोनों देशों के बीच जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर तनाव बना हुआ है। और बीच-बीच में पाकिस्तान हिंदुस्तान पर परमाणु हमले की धमकी देता आया है। 

UN के मंच पर दिया था भड़काऊ भाषण
पिछले महीने अमेरिका में हुई संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भड़काऊ भाषण दे चुके हैं। इससे पहले पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम विश्व के कई देशों से कश्मीर मुद्दे पर मदद की गुहार लगा चुके हैं। लेकिन मुंह की खा चुके इमरान को चीन के अलावा किसी और देश का समर्थन नहीं मिला।

'किसी खास जगह नहीं होगी न्यूक्लियर वॉर'
बता दें कि जर्नल 'साइंस एडवांसेस' में प्रकाशित एक शोध में कहा गया है कि, अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी के अध्ययनकर्ता एलन रोबक ने बताया, 'अगर भारत और पाकिस्तान के बीच न्यूक्लियर वॉर होती है तो वह किसी एक स्थान पर ही नहीं होगी। परमाणु बम दुनिया में कहीं भी गिराया जा सकता है।' आर्टिकल के अनुसार, 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होने की संभावना है। क्योंकि उस समय तक दोनों देशों के बीच 2025 तक कुल मिलाकर 400 से 500 परमाणु बम होंगे।

कार्बन मिश्रित धुआं वायुमंडल में फैल जाएगा
अगर पाकिस्तान की तरफ से 150 किलो टन का परमाणु बम गिराया जाता है तो भारत में मरने वालों का आंकड़ा 10 करोड़ से ज्यादा होगा। वहीं ये स्थिति भारत की तरफ से पाकिस्तान पर 100 किलो टन का परमाणु बम फेंकने पर निर्मित होगी। शोधकर्ताओं का कहना है कि परमाणु हथियारों से 16 से 36 मिलियन टन (3600 करोड़ किलो) कार्बन मिश्रित धुआं वायुमंडल की ऊपरी परत में फैल जाएगा। कुछ ही हफ्ते में यह पूरी दुनिया में फैल जाएगा। यह धुआं सौर रेडिएशन को भी अवशोषित करेगा, जिससे हवा का तापमान बढ़ जाएगा।

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