IMF की नई चाल! पाकिस्तान के सामने कर्ज के बदले रख दी ये 11 सख्त शर्तें

Published : May 18, 2025, 03:01 PM IST
shebaz sharif

सार

IMF 11 New Condition: IMF ने पाकिस्तान को अगली कर्ज की किस्त के लिए 11 नई शर्तें थोपी हैं जिनमें वित्तीय पारदर्शिता और आर्थिक सुधार शामिल हैं। जब तक पाकिस्तान इन शर्तों को पूरा नहीं करता, तब तक उसे अगली कर्ज की किस्त नहीं मिलेगी।

IMF 11 New Condition: पाकिस्तान की कमजोर होती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जो मदद दी थी अब उसी मदद पर कई सख्त शर्तें जोड़ दी गई हैं। हाल ही में जारी स्टाफ-लेवल रिपोर्ट में IMF ने पाकिस्तान के सामने 11 नई शर्तें रखी हैं। जब तक पाकिस्तान इन शर्तों को पूरा नहीं करता, तब तक उसे अगली कर्ज की किस्त नहीं मिलेगी। IMF ने खासतौर पर पाकिस्तान से कहा है कि वह अपनी वित्तीय नीतियों में पारदर्शिता लाए, खर्चों और कमाई का संतुलन बनाए और आर्थिक सुधारों की दिशा में ठोस कदम उठाए।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा

इसके अलावा रिपोर्ट में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव को भी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बताया गया है। खासकर 22 अप्रैल 2025 को हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद जो हालात बने उन्हें IMF ने चिंता का विषय बताया है।

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IMF की 11 नई शर्तें

‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, IMF ने अपनी स्टाफ-लेवल रिपोर्ट में पाकिस्तान के सामने कुल 11 शर्तें रखी हैं। इन शर्तों को मानना पाकिस्तान के लिए अगली कर्ज़ की किस्त पाने के लिए जरूरी होगा। रिपोर्ट में जिन प्रमुख शर्तों का जिक्र है, वे इस प्रकार हैं:

  • अगले वित्त वर्ष के लिए 17,600 अरब रुपये का संघीय बजट संसद से पास कराना अनिवार्य।
  • पुरानी कारों के आयात पर लगा प्रतिबंध हटाया जाएगा।
  • उपभोक्ताओं पर अधिभार और ऋण पुनर्भुगतान शुल्क बढ़ेगा।
  • चार संघीय इकाइयों में नया कृषि टैक्स कानून लागू होगा।
  • इसमें करदाता पहचान, रिटर्न प्रोसेसिंग, अनुपालन सुधार और जागरूकता अभियान शामिल होंगे।
  • संचालन सुधारों की कार्य योजना को सार्वजनिक करना।
  • 2027 के बाद की नीति तैयार कर प्रकाशित करना।
  • टैरिफ तय करने, वितरण में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाना।
  • केंद्र और प्रांतों के बीच कर प्रणाली में बेहतर तालमेल लाना।
  • IMF के मानकों के अनुसार प्रणाली को पारदर्शी बनाना।
  • टैक्स प्रणाली में भरोसा बढ़ाने के लिए संचार अभियान चलाना।

 

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