महाभियोग पर वोटिंग से पहले ट्रम्प ने कहा, कुछ भी गलत नहीं किया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन में बुधवार को वोटिंग होनी है। वोटिंग से पहले ट्रम्प ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा, मैंने कुछ गलत नहीं किया। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 18, 2019 1:06 PM IST / Updated: Dec 18 2019, 06:45 PM IST

वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन में बुधवार को वोटिंग होनी है। वोटिंग से पहले ट्रम्प ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा, मैंने कुछ गलत नहीं किया। 

ट्रम्प ने लिखा, मेरा मानना है कि महाभियोग कभी इससे ज्यादा तुच्छ नहीं होगा। इससे पहले ट्रम्प ने प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी को एक पत्र लिख कर उनके खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया रोकने को कहा।

Latest Videos

'अमेरिकी इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ'
ट्रम्प ने पेलोसी को लिखे एक पत्र में कहा, ''महाभियोग डेमोक्रेट सांसदों के शक्ति के अप्रत्याशित एवं असंवैधानिक दुरुपयोग को दर्शाता है। अमेरिकी इतिहास की लगभग ढाई शताब्दी में कभी ऐसा नहीं हुआ।''

वोटिंग के बाद सीनेट में भेजा जाएगा प्रस्ताव
वोटिंग से यह तय होगा कि ट्रम्प पर लगे आरोपों को स्वीकार किया जाए या नहीं। इसके बाद उन्हें राष्ट्रपति पद से हटाने की कार्रवाई आगे चलाने के लिए रिपब्लिकन के नेतृत्व वाली सीनेट में भेजा जाएगा। यानी निचले सदन में महाभियोग प्रस्ताव पारित होने की तो उम्मीद है, लेकिन सीनेट में महाभियोग प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद कम हैं। क्यों कि यहां ट्रम्प की पार्टी बहुमत में है। राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी। 

ट्रम्प पर लगे हैं ये आरोप
ट्रम्प पर अपनी शक्तियों का इस्तेमाल निजी और सियासी फायदे के लिए करने का आरोप है। साथ ही उन पर आरोप है उन्होंने ना केवल यूक्रेन पर डेमोक्रेट नेताओं और अपने प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए दबाव डाला था। बल्कि यूक्रेन से  2020 राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए भी मदद मांगी। 

यूएस में 2 राष्ट्रपतियों के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया
अमेरिकी के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन (1969-74) पर वॉटरगेट स्कैंडल में महाभियोग की कार्रवाई होनी थी। लेकिन उन्होंने इससे पहले ही इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ भी महाभियोग लाया गया था। उन पर व्हाइट हाउस की एक महिला कर्मचारी से यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे। प्रस्ताव चलाने के लिए निचले सदन से तो मंजूरी मिल गई थी लेकिन सीनेट में यह प्रस्ताव गिर गया था। 

Share this article
click me!

Latest Videos

Tirupati Laddu Prasad: गिरिराज सिंह ने की सबसे बड़ी मांग, ओवैसी और राहुल को जमकर सुना डाला
कोलकाता केसः डॉक्टरों के आंदोलन पर ये क्या बोल गए ममता बनर्जी के मंत्री
UP के जैसे दिल्ली में भी... आतिशी ने BJP पर किया सबसे बड़ा वार
झारखंड में सिर्फ भाजपा ही कर सकती है ये काम #shorts
चीन को चैन से सोने न देगा ये ड्रोन, , Joe Biden - PM Modi ने पक्की की डील