राजनाथ सिंह ने अमेरिकी नौसैन्य हवाई अड्डे का किया दौरा, संबंध और मजबूत होने की जताई उम्मीद

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के वर्जीनिया में नॉरफॉक स्थित नौसैन्य हवाई अड्डे का दौरा किया इस दौरान उन्होंने वाणिज्यिक विमान प्रदर्शनी तथा बोईंग लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन भी देखा

Asianet News Hindi | Published : Dec 18, 2019 12:15 PM IST

वाशिंगटन: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के वर्जीनिया में नॉरफॉक स्थित नौसैन्य हवाई अड्डे का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वाणिज्यिक विमान प्रदर्शनी तथा बोईंग लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन भी देखा। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच जो ''मजबूत रक्षा संबंध'' हैं, वह निकट भविष्य में और मजबूत होंगे।

सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर बुधवार को होने वाली दूसरी 'टू प्लस टू' वार्ता के लिए अमेरिका आए हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने उनकी अगवानी की।

सिंह ने मंगलवार को ट्वीट किया, ''अमेरिका के नॉरफॉक में नौसेना के हवाई अड्डे ओशियाना का दौरा किया और अत्याधुनिक वाणिज्यिक विमान प्रदर्शनी और लड़ाकू एवं हमलावर विमान 18ई का प्रदर्शन देखा।'' उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ''नॉरफॉक के नौसैन्य अड्डे पर मुझे निमिट्ज श्रेणी के यूएसएस विमान वाहक ‘ड्वाइट डी आइजनहावर’ में सवार होने का अवसर मिला। हमने भारत और अमेरिका के बीच मजबूत रक्षा संबंधों को प्रदर्शित किया।''

अमेरिका और भारत के बीच हो रक्षा साझेदारी

आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह दौरा अमेरिका और भारत के बीच रक्षा साझेदारी की गहराई को और दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच करीबी संबंधों को रेखांकित करता है। रक्षा मंत्री के साथ यहां अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला, रक्षा सचिव अजय कुमार, भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा सैन्य अधिकारी भी आए हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस दौरे से दोनों देशों के बीच साझेदारी और मजबूत होगी। वक्तव्य में कहा गया कि भारत और अमेरिका सैन्य अभियानों, रक्षा व्यापार, आधिकारिक दौरों और आदान-प्रदान समेत दुनिया के सबसे बड़े अमेरिकी नौसैन्य अड्डे के इस दौरे के साथ रक्षा सहयोग को मजबूत बना रहे हैं।

वायुसेना अड्डे पर भी किया दौरा

वायुसेना अड्डे पर सिंह का दौरा खास माना जा रहा है कि क्योंकि इससे ऐसे संकेत मिलते हैं कि भारत वायुसेना और नौसेना के लिए लड़ाकू विमान के संबंध में इन विकल्पों को भी गंभीरता से देख रहा है। एफ/ए-18ई (सुपर हॉर्नेट) के उत्पादक बोइंग ने इन लड़ाकू विमानों की ब्लॉक तीन श्रेणी का प्रस्ताव दिया है। ''बोइंग डिफेन्स, स्पेस एंड सिक्योरिटी'' की एक शाखा ''स्ट्राइक, सर्विलान्स एंड मोबिलिटी, ग्लोबल सेल्स एंड मार्केटिंग'' के उपाध्यक्ष थॉम ब्रेकेनरिज ने हाल में एक साक्षात्कार में कहा था कि सुपर हॉर्नेट में फिनलैंड, स्विट्जरलैंड, भारत और जर्मनी समेत कई देशों की दिलचस्पी है।

भारत के लिए अलग प्रस्ताव

उन्होंने कहा, ''भारत के विमान वाहकों के साथ एफ/ए-18 का जुड़ाव 'प्रमुख रक्षा साझेदार' बनने के भारत के संकल्प और एशिया पेसिफिक रिएश्योरेंस पहल की बानगी होगा। यह अमेरिका और भारत के बीच नए संबंधों का एक महत्वपूर्ण प्रतीक बनेगा।'' ब्रेकेनरिज ने कहा, ''भारत के लिए हमारा नया प्रस्ताव है 'भारत द्वारा-भारत के लिए',  इसमें रखरखाव, प्रशिक्षण सेवा और अद्यतन करना शामिल है।''

उन्होंने यह भी कहा था कि भारत में बोइंग भारतीय वायुसेना और नौसेना को रखरखाव एवं प्रशिक्षण सेवा मुहैया करवा रहा है। ब्रेकेनरिज ने कहा, ''भारतीय नौसेना, भारत के निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों और अमेरिका स्थित उद्योग के साझोदारों के साथ मिलकर बोइंग विशेष क्षमताओं को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध करवाने की दिशा में काम करेगा। इससे एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट का इसके पूरे सेवाकाल में रखरखाव भारत में ही संभव हो जाएगा।''

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

 

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