पिछले दिनों पाकिस्तान की सत्ता से हटाए गए इमरान खान ने सत्ता पर बने रहने के लिए सारे हथकंडे अपनाए। सेना से मदद की भीख मांगी। वहां से निराशा हाथ लगी तो जरदारी के दरवाजे भी गए। संसद में अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करवा दिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद आखिरकार उन्हें बेदखल कर ही दिया गया।
लाहौर। पाकिस्तान (Pakistan) में सत्तारूढ़ दल पीएमएल-एन (PML-N) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज (mariyam Nawaz) ने पाकिस्तान की सत्ता से बेदखल किए गए इमरान खान पर हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने सत्ता में बने रहने के लिए सेना से भीख मांगी। वह सत्ता में बने रहने के लिए हद तक उतावले थे। हालांकि, सेना ने खुद को राजनीति से अलग रखने की बात कही है। सेना प्रमुख का कहना है कि राजनीति से हमारा कोई लेना-देना नहीं है।
हमेशा तख्ता पलट की आशंका में घिरा रहा पाक
गौरतलब है कि पिछले 75 सालों में पाकिस्तान के इतिहास में से आधे से अधिक समय तक देश पर सेना ने राज किया है। यहां अक्सर तख्ता पलट की आशंका बनी रहती है। सेना यहां की सरकार पर हावी रही है। ऐसे में इमरान चाहते थे कि उनकी सरकार को सेना के सहयोग से बचा लिया जाए, लेकिन सेना प्रमुख बाजवा से अपने खराब संबंधों के चलते उन्हें इसका भी फायदा नहीं मिला।
जरदारी से भी मांगी थी मदद
मरियम ने लाहौर में कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन में कहा- इमरान खान अपनी कुर्सी जाने से बहुत हताश हो चुके थे। उन्होंने आखिरी पलों तक सरकार बचाने के लिए सेना से भीख मांगी। मरियम का आरोप है कि इमरान ने अपनी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पूर्व राष्ट्रपति और पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी से भी मदद मांगी। हालांकि, बिलावल भुट्टो पहले ही शहबाज शरीफ से मिल चुके थे और उन्हें समर्थन दे चुके थे। इसलिए इमरान को जरदारी से बात करने का कोई फायदा नहीं हुआ।
10 अप्रैल को सत्ता से बेदखल हुए थे इमरान
इमरान खान को 10 अप्रैल को नेशनल असेंबली में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के जरिये सत्त से हटाया गया। इमरान पाकिस्तान के इतिहास के एक मात्र प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिये सत्ता से बेदखल किया गया।
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