इमरान के मंत्री ने कबूली पाकिस्तान की हैसियत, कहा- कश्मीर पर दुनिया हमारी बात नहीं मान रही

जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान की बौखलाहट के बीच इमरान सरकार के मंत्री भी मानने लगे हैं कि इस मुद्दे पर वे अकेले पड़ गए हैं। पाकिस्तानी मीडिया के बाद अब गृह मंत्री ब्रिगेडियर एजाज अहमद शाह ने माना है कि कश्मीर मुद्दे पर उनका देश अलग-थलग पड़ गया है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 12, 2019 6:02 AM IST

इस्लामाबाद. जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान की बौखलाहट के बीच इमरान सरकार के मंत्री भी मानने लगे हैं कि इस मुद्दे पर वे अकेले पड़ गए हैं। पाकिस्तानी मीडिया के बाद अब गृह मंत्री ब्रिगेडियर एजाज अहमद शाह ने माना है कि कश्मीर मुद्दे पर उनका देश अलग-थलग पड़ गया है। दुनिया का कोई भी देश पाकिस्तान की बात नहीं सुन रहा, जो सुन रहे हैं, उन्हें विश्वास नहीं हो रहा। 

दरअसल, एजाज अहमद एक पाकिस्तानी चैनल को इंटरव्यू दे रहे थे। उसी वक्त उन्होंने यह बात स्वीकार की। उन्होंने कहा, आज हमारा पक्ष कोई सुनने को तैयार नहीं है। ऐसे हालात एक दिन में नहीं बने। देश पर राज करने वालों ने पाकिस्तान की छवि खराब कर दी। अभी तक जो भी सत्ता में रहा, वे सब इसके लिए जिम्मेदार हैं। 

पाकिस्तान की हालत के लिए इमरान खान तक सब जिम्मेदार
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर लोग हमारे पक्ष पर विश्वास नहीं कर रहे। हम कह रहे हैं कि वहां कश्मीर में कर्फ्यू है। जुल्म हो रहे हैं। लेकिन हर कोई भारत की बात पर विश्वास कर रहा है। अहमद ने पाकिस्तान की मौजूदा हालात का हवाला देते हुए जनरल जिया उल हक, परवेज मुशर्रफ से लेकर इमरान खान तक को जिम्मेदार ठहराया।  
  
हाफिज सईद को काबू करने की जरूरत
एजाज अहमद ने इस इंटरव्यू में लश्कर-ए-तैयबा के चीफ आतंकी हाफिज सईद को साहेब कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सईद ने पाकिस्तान के खिलाफ कभी कोई काम नहीं किया। उन्हें लड़ाई-लड़ने के लिए खड़ा किया गया था, लेकिन अब सईद को काबू करना चाहिए। 

इस्लामिक देश तक पाकिस्तान के साथ नहीं- मीडिया
इससे पहले पाकिस्तान मीडिया ने भी कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की कूटनीतिक हार बताई थी। पाकिस्तान के सबसे बड़े अखबार 'द डॉन' ने कश्मीर पर पाकिस्तान के अलग-थलग पड़ने को ना केवल इमरान सरकार की आलोचना की बल्कि इसे कूटनीतिक हार भी बताया है। अखबार के मुताबिक, कश्मीर मुद्दे पर दुनिया की चुप्पी सबसे बड़ी हैरानी है। कोई भी देश आठ करोड़ लोगों की आवाज उठाने के लिए तैयार नहीं है। कोई भी इस्लामिक देश, जो पाकिस्तान के करीबी हैं, वे भी हमारे साथ नहीं आया। मोदी की निंदा तो दूर यूएई ने तो इसी दौरान अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित कर दिया। 

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