नागरिकता बिल पर भड़के इमरान खान, बोले, यह संघ के हिंदू राष्ट्र के विचार का विस्तार

Published : Dec 10, 2019, 04:30 PM IST
नागरिकता बिल पर भड़के इमरान खान, बोले, यह संघ के हिंदू राष्ट्र के विचार का विस्तार

सार

आर्टिकल 370 के बाद अब पाकिस्तान ने सोमवार को लोकसभा में पास हुए नागरिकता संसोधन बिल का विरोध जताया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस बिल को संघ का एजेंडा बताया। 

इस्लामाबाद. आर्टिकल 370 के बाद अब पाकिस्तान ने सोमवार को लोकसभा में पास हुए नागरिकता संसोधन बिल का विरोध जताया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस बिल को संघ का एजेंडा बताया। उन्होंने कहा कि यह हिंदू राष्ट्र के विचार का विस्तार ही है।

इमरान खान ने ट्वीट कर कहा, भारत की लोकसभा में पास हुए नागरिकता बिल की हम निंदा करते हैं। यह बिल अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है। यह एक तरह से हिंदू राष्ट्र के विचार का विस्तार है। फासीवादी मोदी सरकार इस सोच को आगे बढ़ा रही है।

 

यह अंतरराष्‍ट्रीय कानून का उल्‍लंघन- पाकिस्तान 
इससे पहले पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर नागरिकता बिल पर विरोध जताया। मंत्रालय ने कहा, भारत का यह नवीनतम कानून धर्म और विश्‍वास पर आधार‍ित है। यह कानून अंतरराष्‍ट्रीय कानून एवं मानवाधिकारों का सरासर उल्‍लंघन है। इस कानून ने एक बार फिर भारतीय धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के दावों के खोखलेपन को उजागर किया है।

'पड़ोसी देशों में भय का माहौल पैदा कर रहा भारत'
बयान में आगे कहा गया है, पाकिस्‍तान भेदभावपूर्ण कानून का विरोध करता है। यह अंतरराष्‍ट्रीय मानदंडों का उल्‍लंघन करता है। यह भारत का पड़ोसियों के साथ भय उत्‍पन्‍न करने वाला प्रयास है। इस विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रयास किया गया है। 

लोकसभा में पास हुआ बिल
अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में यह बिल पेश किया था। दिन भर चली चर्चा के बाद देर रात यह बिल पास हो गया। इसके समर्थन में 311 वोट पड़े। विरोध में 80 संसद ने मत डाले। इससे पहले अमित शाह ने साफ कर दिया कि किसी भी धर्म को लेकर इस बिल को लेकर डरने की जरूरत नहीं है। शाह ने कहा, बिल से भारतीय मुस्लिमों का कोई लेना देना नहीं है।

क्या है नागरिकता संसोधन बिल ? 
नागरिकता संसोधन बिल 2019 के मुताबिक, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक आए हिंदू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और क्रिश्चियन के साथ अवैध घुसपैठियों जैसा व्यवहार नहीं होगा, बल्कि उन्हें भारत की नागरिकता मिल जाएगी।  

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