लद्दाख में दोनों देश सैनिकों को पीछे हटाने पर हुए सहमत, दिवाली से पहले मई वाली स्थिति में जा सकती हैं सेनाएं

भारत - चीन सीमा विवाद के बीच पूर्वी लद्दाख में मईं महीने से जारी सीमा तनाव के अब समाप्त होने के आसार नजर आ रहे हैं। दरअसल, दोनों देशों की सेना लद्दाख सीमा पर फिंगर इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमत हो गई हैं। बता दें कि सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से पूरी होगी। सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले तीन दिनों में दोनों सेनाएं 30-30 प्रतिशत के हिसाब से अपने सैनिकों को विवादित इलाकों से हटाएगी।

Asianet News Hindi | Published : Nov 11, 2020 9:51 AM IST / Updated: Nov 11 2020, 03:26 PM IST

लेह. भारत - चीन सीमा विवाद के बीच पूर्वी लद्दाख में मईं महीने से जारी सीमा तनाव के अब समाप्त होने के आसार नजर आ रहे हैं। दरअसल, दोनों देशों की सेना लद्दाख सीमा पर फिंगर इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमत हो गई हैं। बता दें कि सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से पूरी होगी। सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले तीन दिनों में दोनों सेनाएं 30-30 प्रतिशत के हिसाब से अपने सैनिकों को विवादित इलाकों से हटाएगी।

 

मालूम हो कि सीमा पर तनाव घटाने के लिए छह नवंबर को चुशुल में आयोजित दोनों देशों के बीच आठवे स्तर की कॉर्प्स कमांडर वार्ता में पीछे हटने की योजना पर चर्चा की गई थी। इसमें दोनों देशों की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर के कुछ हिस्सों से पीछे हटने पर सहमति व्यक्त की। जिसके तहत वे इस साल अप्रैल-मई वाली स्थिति पर वापस लौट जाएंगी। 

तीन चरणों में पीछे हटेंगी सेनाएं
न्यूज एजेंसी एएनआई से मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों देशों के सेनाएं पैंगोंग त्सो झील वाले इलाके को पहले हफ्ते में खाली करेंगी। साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से एक महत्वपूर्ण दूरी तक टैंक और सैनिकों को पीछे हटाएंगी। दोनों सेनाओं के बीच तीन चरणीय प्लान पर सहमति बनी है। कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता में हुई चर्चा के मुताबिक, युद्धक टैंकों और हथियारबंद वाहनों को एक दिन के भीतर सीमा से पीछे हटाया जाएगा। छह नवंबर को हुई इस वार्ता में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव और सैन्य संचालन महानिदेशालय के ब्रिगेडियर घई ने हिस्सा लिया था। 

दूसरे चरण में सीमा पर 30 फीसदी सैनिकों पीछे हटेंगे
योजना के दूसरे चरण के तहत भारत और चीन की सेनाओं को लगातार तीन दिन तक पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे से अपने 30 फीसदी सैनिकों को पीछे हटाना होगा। इस प्रकार भारतीय सेना पीछे हटते हुए अपनी धान सिंह थापा पोस्ट पर आ जाएगी। वहीं, चीनी सेना फिंगर 8 के पास लौटेगी।  

पैंगोंग झील से तीसरे चरण में पीछे हटेंगे
तीसरे और आखिरी चरण में दोनों सेनाएं पैंगोंग झील के दक्षिणी क्षेत्र से अपने सैनिकों को पीछे हटाएंगी। इसमें चुशुल और रेजांग ला की पहाड़ियां और क्षेत्र भी शामिल हैं, जहां भारत और चीन की सेनाओं को पीछे हटना है। 

प्रक्रिया की होगी जांच
दोनों देशों के पीछे हटने की प्रक्रिया में प्रगति को देखने को लेकर भारत और चीन एक संयुक्त तंत्र पर भी सहमत हुए हैं। इसके तहत दोनों देशों के बीच प्रतिनिधि सभाएं होगीं और मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) का प्रयोग कर पीछे हटने की प्रक्रिया को जांचा जाएगा। 

इन इलाकों में है भारत का दबदबा
हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अब पैंगोंग के दक्षिण इलाके में भारत का दबदबा है। क्योंकि ना सिर्फ यहां से भारत स्‍पांगुर गैप पर बल्कि मोल्‍दो में चीनी टुकड़ियों पर भी नजर बना पा रहा है। इसे देखते हुए चीन के तेवर बदले हुए हैं। उन्होंने कहा था, ताजा बातचीत में वे चाहते हैं कि भारत दक्षिण तट पर चोटियां खाली करें। वहीं, भारत ने साफ कर दिया है कि दोनों सेनाएं एक साथ झील के किनारों से पीछे हटें।

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