वाशिंगटन(Washington). अमेरिकी कांग्रेस की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में भारत सबसे बड़ा क्षेत्रीय भागीदार रहा है।
‘कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस’ (सीआरएस) ने अफगानिस्तान पर अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा, ‘‘ अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में भारत सबसे बड़ा क्षेत्रीय भागीदार रहा है लेकिन उसने काबुल के साथ रक्षा संबंध गहरे करने की दिशा में कोई रुचि नहीं दिखाई है।’’ सीआरएस ने ‘अफगानिस्तान: बैकराउंड एंड यूएस पॉलिसी इन ब्रीफ’ शीर्षक वाली अपनी रिपोर्ट में कहा कि ट्रम्प ने अफगानिस्तान के आर्थिक विकास में बड़ी भूमिका निभाने के लिए भारत को प्रोत्साहित किया है। इससे अफगानिस्तान में भारत की गतिविधि को लेकर पाकिस्तान की चिंताएं बढ़ी हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘पाकिस्तान का सुरक्षा प्रतिष्ठान भारत के रणनीतिक घेराव को लेकर चिंतित है। वह अफगान तालिबान को अपेक्षाकृत मित्रवत और एक ऐसा भारत विरोधी तत्व मानता है, जिसपर वह भरोसा कर सकता है।’’
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब हाल में ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय अमेरिकियों को संबोधित किया था। ट्रम्प मोदी के साथ मंगलवार को बैठक करेंगे। ट्रम्प ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से भी सोमवार रात मुलाकात की थी।
न्यूयॉर्क में ट्रम्प-मोदी की बैठक की पूर्व संध्या पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान पर अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमी खलीलजाद से सोमवार को मुलाकात की थी।
[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]