PM Modi Japan Visit: रक्षा क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे भारत-जापान, बढ़ेगा सैन्य सहयोग

Vivek Kumar   | ANI
Published : Aug 29, 2025, 10:42 PM IST
PM Narendra Modi and PM Shigeru Ishiba at the 15th India-Japan Annual Summit in Tokyo  (Photo X/@MEAIndia)

सार

प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा के दौरान भारत और जापान ने सुरक्षा सहयोग पर एक ऐतिहासिक संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। यह घोषणा पत्र रक्षा संबंधों को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए है।

India Japan Security Pact: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भारत-जापान शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान भारत और जापान ने सुरक्षा सहयोग पर एक ऐतिहासिक संयुक्त घोषणा पत्र पर साइन कर अपनी साझेदारी को एक नए स्तर पर पहुंचाया है। इस घोषणा का उद्देश्य रक्षा संबंधों को मजबूत करना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना है। इसे दोनों देश अपनी सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। यह दोनों देशों को समुद्री सुरक्षा से लेकर साइबर खतरों तक, आधुनिक चुनौतियों पर मिलकर काम करने के लिए एक नया ढांचा प्रदान करता है।

भारत और जापान के बीच बढ़ेगा सैन्य संबंध

इस समझौते के तहत भारत और जापान अपनी तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) को शामिल करते हुए अधिक बार संयुक्त अभ्यास के माध्यम से सैन्य सहयोग का विस्तार करेंगे। दोनों पक्ष डिफेंस टेक्नोलॉजी शेयर करने और संयुक्त रूप से उपकरणों के उत्पादन की संभावनाओं का पता लगाने पर भी सहमत हुए। नौसेना सहयोग को और अधिक जहाजों के दौरे, समुद्री मार्गों को सुरक्षित रखने के लिए समन्वय और समुद्री डकैती और अन्य अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ बढ़ाया जाएगा।

महत्वपूर्ण खनिजों पर सहयोग बढ़ाएंगे भारत-जापान

यह समझौता पारंपरिक रक्षा मामलों से भी आगे जाता है। इसमें आतंकवाद का मुकाबला, आपदा राहत, साइबर सुरक्षा, रक्षा अनुसंधान और यहां तक कि आधुनिक उद्योगों के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों पर सहयोग जैसे क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग शामिल है। दोनों देश नए और उभरते सुरक्षा जोखिमों पर जानकारी साझा करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।

विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि संयुक्त घोषणा का उद्देश्य एक-दूसरे की प्राथमिकताओं के खास क्षेत्रों, जैसे आतंकवाद का मुकाबला, शांति स्थापना अभियान और साइबर सुरक्षा के साथ-साथ उभरते सुरक्षा जोखिमों के आकलन सहित जानकारी साझा करने में सहयोग के अवसरों का पता लगाना है।

यह भी पढ़ें- 'जापानी टेक्नोलॉजी-इंडियन टैलेंट विनिंग कॉम्बिनेशन हैं', पीएम मोदी ने कहीं ये 10 बड़ी बातें

MEA ने इस समझौते को भारत-जापान साझेदारी में एक नया चरण बताया। कहा कि यह एक स्वतंत्र, खुले और शांतिपूर्ण हिंद-प्रशांत के उनके साझा दृष्टिकोण के अनुरूप है। समझौते में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच नियमित बातचीत के बारे में भी बात की गई है, जिससे गहन, दीर्घकालिक सहयोग सुनिश्चित होता है।

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