
सैन्य और रणनीतिक विश्लेषक टॉम कूपर ने पाकिस्तान के परमाणु ढांचे की सुरक्षा पर गंभीर चिंता जताई है, और कहा है कि हालिया घटनाक्रम देश की अपने परमाणु हथियारों को संभालने की क्षमता पर लंबे समय से चले आ रहे संदेह को और मजबूत करते हैं। उनकी यह टिप्पणी भारत के ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के संदिग्ध परमाणु ठिकानों के पास हमलों की खबरों के बाद आई है।
भारतीय अधिकारियों द्वारा ऐसे किसी भी लक्ष्य पर हमले से इनकार करने के बावजूद, कूपर ने इस सवाल के जवाब में कहा, "भारत को वहां क्या चल रहा है, इसकी पूरी जानकारी है। लड़ाई असल में तब खत्म हुई जब भारत ने पाकिस्तान के एक भूमिगत ठिकाने के दो प्रवेश द्वारों पर हमला किया, जिसके बारे में संदेह है या माना जा रहा है कि वह एक परमाणु ठिकाना है।"
उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की हालिया टिप्पणियों का हवाला दिया, जिसमें पाकिस्तान के परमाणु कमान और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सवाल उठाए गए थे।
कूपर ने कहा, "वह (रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह) अब कहते हैं कि पाकिस्तान की परमाणु हथियारों को संभालने की क्षमता संदिग्ध है। यह कोई नई बात नहीं है। हमने ऐसी चिंताएं परमाणु वैज्ञानिकों द्वारा भी व्यक्त की जाती सुनी हैं, और उनमें से कुछ ही नहीं, बल्कि 20 या उससे भी ज्यादा। यह सिर्फ इस बात की पुष्टि है कि एक तरफ, इस संबंध में स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत की खुफिया और रणनीतिक क्षमताएं पाकिस्तानी सेना की गतिविधियों पर लगातार नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा, “यह पाकिस्तान के अंदर भारतीय सशस्त्र बलों के प्रभुत्व या संचालन की स्वतंत्रता की भी पुष्टि करता है।”
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