भारत ने यूएन में PoK का मुद्दा उठाया, पाकिस्तान-चीन के इस अहम प्रोजेक्ट पर भी उठाए सवाल

सोमवार से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) का सत्र शुरू हो गया।  इस दौरान भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) का मुद्दा उठाया। भारत ने PoK में चल रहे चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का भी विरोध किया। 

Keerthi Rajpoot | Published : Sep 10, 2019 11:48 AM IST / Updated: Sep 10 2019, 07:59 PM IST

जेनेवा. सोमवार से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) का सत्र शुरू हो गया।  इस दौरान भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) का मुद्दा उठाया। भारत ने PoK में चल रहे चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का भी विरोध किया। भारत ने इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द बंद करने के लिए कहा। भारत ने पाकिस्तान और चीन के कश्मीर मुद्दे पर दिए बयान की भी निंदा की। दोनों देशों ने कश्मीर पर भारत सरकार के फैसले को एक तरफा बताया था। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम कश्मीर पर इन बयानों को नकारते हैं। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। 

UN में भारत ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान और चीन को PoK में चल रहे कॉरिडोर को बंद करना चाहिए, क्योंकि यह प्रोजेक्ट ऐसे क्षेत्र में है जो भारत का है। इस पर पाकिस्तान ने 1947 में अवैध रूप से कब्जा कर लिया था। भारत PoK की यथास्थिति बदलने की किसी भी अन्य देश के प्रयासों का विरोध करता है। 

पाकिस्तान ने अलापा कश्मीर राग
इस दौरान पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में कश्मीर का मसला उठाया है। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "भारत का कहना है कि कश्मीर में हाताल सामान्य है, अगर ये सही है तो वो कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारों, इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन, NGO,सिविल सोसाएटी ऑर्गेनाइजेशन को वहां के हालात जानने के लिए क्यों नहीं जाने दे रहा है। यूएनएचआरसी मानवाधिकार उल्लंघन पर ध्यान दे। हम संयुक्त जांच समिति के गठन की मांग करते हैं।

जम्मू-कश्मीर पर पाक के आरोप पर भारत का जवाब
यूएन में भारत के प्रतिनिधि ने कहा, भारत के अपने राज्य में किए गए पुनर्गठन से वहां के लोगों के साथ भेदभाव खत्म होगा। पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी, इसका टीवी पर सीधा प्रसारण भी हुआ है। भारत लंबे समय से सीमापार के आतंकवाद का पीड़ित रहा है, पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है। भारत की ओर से प्रतिनिधित्व कर रहे विजय ठाकुर सिंह ने कहा कि दुनिया और खासकर भारत राज्य प्रायोजित आतंकवाद का काफी शिकार हुए हैं। चुप्पी से आतंकियों और उनके समर्थकों का हौसला बढ़ता है। एक ग्रुप यहां झूठे आरोपों की रनिंग कमेंट्री कर रहा है।  

9-27 सितंबर तक जेनेवा में चलने वाले इस सेशन में अगर पाकिस्तान भारत के खिलाफ प्रस्ताव आगे बढ़ाना चाहता है तो उसे 19 सितंबर से पहले ऐसा करना होगा। 

UNSC में पाकिस्तान को लगा था झटका
भारत ने जब 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिया था, उसी वक्त से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। लगातार विश्व के सामने मदद के लिए गिड़गिड़ा रहा है। जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत ने अपना रुख साफ कर दिया है, कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इससे पहले UNSC में भी यह मुद्दा उठाया था लेकिन परिणाम भारत के पक्ष में ही आया था, क्योंकि अमेरिका, रूस समेत तमाम देशों ने भारत का समर्थन दिया था। 

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