यूक्रेनी मधुमक्खियों ने 'टांय-टांय फिस्स' किया रूसी बम, बच गई लोगों की जान, पढ़िए 10 चौंकाने वाले फैक्ट्स

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध(russia ukraine war) बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर रूस के अवैध कब्जे की निंदा की है। हालांकि भारत ने इस प्रस्ताव में वोटिंग नहीं की।

Amitabh Budholiya | Published : Oct 13, 2022 4:20 AM IST / Updated: Nov 16 2022, 07:28 AM IST

वर्ल्ड न्यूज. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध(russia ukraine war) बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर रूस के अवैध कब्जे की निंदा की है। हालांकि भारत ने इस प्रस्ताव में वोटिंग नहीं की। उधर, पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को और मदद देने का ऐलान किया है। यह लड़ाई  24 फरवरी से शुरू हुई थी।पढ़िए 10 बड़े अपडेट...

1.पहली तस्वीर उस बम की है, जिसे मधुमक्खियों ने बेकार कर दिया। मामला यूक्रेन की राजधानी कीव क्षेत्र(Kyiv region) से जुड़ा है। यहां रूसी सैनिकों ने कब्जा कर लिया था। तब यहां बम रखा गया होगा। उस समय वसंत(spring-फरवरी मार्च और अप्रैल के मध्य) चल रहा था। लेकिन यह बम अब तक वहां पड़ा रहा। इस बीच मधुमक्खियों ने उसे शहद से भर दिया। अब जब इस बम की पिन गलती से खोली गई, तो उसमें विस्फोट नहीं हुआ। लिहाजा कइयों की जान बच गई। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल है।

2. संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर रूस के अवैध कब्जे की निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र महासभा(UN General Assembly) ने रूस द्वारा ज़ापोरिज़्ज़िया, डोनेट्स्क, लुहान्स्क और खेरसॉन में हमलों के बाद अवैध कब्जे की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। 193 सदस्य देशों में से 143 ने पक्ष में मतदान किया। रूस, सीरिया, निकारागुआ, उत्तर कोरिया और बेलारूस ने इसका विरोध किया, जबकि 35 देशों ने भाग नहीं लिया। बाकी देशों ने वोट नहीं दिया। इस वोटिंग से भारत भी दूर रहा। यह प्रस्ताव रूस के सुरक्षा परिषद में इसी तरह के एक प्रस्ताव को वीटो करने के कुछ दिनों बाद आया है। तब भी भारत ने भाग नहीं लिया था।

3. इससे पहले सोमवार (10 अक्टूबर) को भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस (Russia) की गुप्त मतदान वाली मांग को खारिज कर दिया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर अवैध कब्जे को लेकर रूस के खिलाफ एक मसौदा प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव में रूस की निंदा करने के लिए खुले मतदान की मांग की गई, जबकि पुतिन गुप्त मतदान चाहते थे। यह प्रस्ताव अल्बानिया लेकर आया था।

4. रूसी सेना ने कामिकेज़ ड्रोन( kamikaze drones) के साथ कीव ओब्लास्ट पर हमला किया। कीव ओब्लास्ट के गवर्नर ओलेक्सी कुलेबा(Governor Oleksiy Kuleba) ने 13 अक्टूबर की शुरुआत में बताया कि रूसी सेना ने कीव ओब्लास्ट में कामिकेज़ ड्रोन के साथ एक समुदाय को निशाना बनाया। कुलेबा ने कहा कि बचावकर्मी पहले से ही ग्राउंड लेवल काम कर रहे हैं। फिलहाल किसी के हताहत होने या नुकसान के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

5. रूसी सेना ने रात भर मायकोलाइव पर भारी गोलाबारी की। मायकोलाइव मेयर ऑलेक्ज़ेंडर सिएनकेविच(Mykolaiv Mayor Oleksandr Sienkevych) ने कहा कि रूसी सेना ने 13 अक्टूबर की रात को एक पांच मंजिला आवासीय इमारत पर हमला किया। बचावकर्मी घटनास्थल पर काम कर रहे हैं। हताहत होने की फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। 

6. फ्रांस यूक्रेन को एयर डिफेंस सिस्टम मुहैया कराएगा। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों( French President Emmanuel Macron) ने 12 अक्टूबर को फ्रांसीसी टीवी चैनल फ्रांस 2(France 2) के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि फ्रांस आने वाले हफ्तों में यूक्रेन को रडार और मिसाइलों सहित वायु रक्षा प्रणालियों की आपूर्ति करेगा। हालांकि उन्होंने यह क्लियर नहीं किया गया फ्रांस किस तरह की और कितनी एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल्स ट्रांसफर करेगा? मैक्रों ने यह जरूर पुष्टि की है कि उन्होंने यूक्रेन से छह सीज़र हॉवित्जर की डिलीवरी के लिए बातचीत की थी।

7. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन के कुछ हिस्सों के माध्यम से यूरोप को फिर से गैस की सप्लाई शुरू करने का ऑफर दिया है। यह पाइप लाइन सितंबर में विस्फोटों से क्षतिग्रस्त होने से बच गई थी। पुतिन ने तुर्की के माध्यम से एक अल्टरनेटिव सप्लाई रूट का भी सुझाव दिया। अब गेंद यूरोपीय संघ(EU's court) के पाले में है। अगर वे चाहते हैं, तो सप्लाई बहाल की जा सकती है। बता दें कि  26 सितंबर से नॉर्ड स्ट्रीम 1 और नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइनों में चार लीकेज की खोज की गई है। लीकेज के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन सहित कई पश्चिमी अधिकारियों ने जानबूझकर तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया था।

8. यूक्रेन में रूस के मारे गए सैनिकों की संख्या 90,000 तक पहुंचने का दावा किया गया है। एक रशियन इन्डिपेंडेंट इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म प्रोजेक्ट iStories ने देश की संघीय सुरक्षा सेवा(Federal Security Service) में एक अनाम स्रोत(anonymous source) और एक पूर्व खुफिया अधिकारी के हवाले से यह बात कही। इन हताहतों में वे लोग शामिल हैं, जो कार्रवाई में मारे गए, कार्रवाई में लापता हो गए, जो अस्पताल में मारे गए और घायल सैनिक जो सैन्य सेवा में वापस नहीं लौट सकते। अगस्त के अंत में यूके के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने कहा कि रूस ने यूक्रेन में छह महीने में 80,000 से अधिक सैनिकों को खो दिया था, जबकि अफगानिस्तान में एक दशक में उन्होंने 15,000 सैनिकों को खो दिया था।

9. रूस के बढ़ते मिसाइल्स अटैक को देखते हुए यूक्रेन ने पश्चिमी सहयोगियों से और अधिक हथियार देने की मांग की है। इस पर अमेरिका बहुत जल्द एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम और जर्मन ने इसी तरह के हथियारों को देने का वादा किया है। उधर, NATO चीफ ने भी यूक्रेन को लगातार मदद देने भरोसा दिलाया है। बता देंकि फिनलैंड ने यूक्रेन को सोवियत संघ के समय के कई हथियार मुहैया कराए हैं। इनमें AK-47 असॉल्ट राइफल के साथ गोला-बारूद भी शामिल हैं। दक्षिण कोरिया बुलेटप्रुफ जैकेट, हेलमेट, मेडिकल इक्विपमेंट की सप्लाई कर चुका है।

10. यह तस्वीर डॉक्टर ओक्साना लेओनिवा(Oksana Leontieva) की है, जो रूसी हमले में मारी गईं। वे कीव के सबसे बड़े चिल्ड्रन हॉस्पिटल ओखमतदित(Okhmatdyt ) में पिछले 11 साल से ब्लड कैंसर पीड़ित बच्चों की जान बचाती आ रही थीं। अब उनका मासूम बेटा अनाथ है। उनके पिता की कई साल पहले मौत हो गई थी। अब उनके दादा ओक्साना के बच्चे की देखभाल करेंगे।

यह भी पढ़ें
कौन है ये 'निर्दयी' कमांडर जिस पर खुद से ज्यादा भरोसा करते हैं पुतिन, इंसानी जानों की जरा भी नहीं करता परवाह
क्या होता है परमाणु बम, कैसे मचाता है तबाही? दुनिया में किसके पास हैं सबसे ज्यादा और खतरनाक न्यूक्लियर वैपन

Share this article
click me!