बांग्लादेश में बवाल के बीच भारत का बड़ा कदम, चटगांव वीज़ा ऑपरेशन सस्पेंड, जानिए क्यों?

Published : Dec 21, 2025, 01:56 PM IST
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सार

Breaking Alert: उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश हिंसा की आग में जल रहा है। चटगांव में भारतीय मिशन पर हमले के बाद भारत ने वीज़ा सेवाएं निलंबित कर दीं। ढाका से सिलहट तक सुरक्षा हाई अलर्ट पर है।

Chattogram Indian Visa Services Suspended: बांग्लादेश एक बार फिर उबाल पर है। जुलाई विद्रोह के प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देश में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। सड़कों पर हिंसा, तोड़फोड़, आगजनी और सरकारी इमारतों पर हमले की खबरें सामने आ रही हैं। इसी गंभीर स्थिति को देखते हुए भारत ने बड़ा फैसला लेते हुए बांग्लादेश के चटगांव स्थित अपने मिशन में वीज़ा संचालन निलंबित कर दिया है। यह फैसला सिर्फ एक प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि दोनों देशों के रिश्तों और क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़ा अहम संकेत माना जा रहा है।

भारत ने चटगांव में वीज़ा सेवाएं अचानक क्यों बंद कीं?

भारत की ओर से यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया गया है। हाल ही में चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर पथराव की घटना सामने आई थी। इसके बाद भारतीय वीज़ा आवेदन केंद्र (IVAC) ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि 21 दिसंबर 2025 से अगले आदेश तक चटगांव में वीज़ा संचालन पूरी तरह निलंबित रहेगा। भारत का साफ कहना है कि स्थिति की समीक्षा के बाद ही वीज़ा सेवाएं दोबारा शुरू की जाएंगी।

उस्मान हादी की मौत ने बांग्लादेश को फिर क्यों हिला दिया?

32 वर्षीय शरीफ उस्मान हादी जुलाई विद्रोह के प्रमुख नेताओं में से एक थे, जिसने शेख हसीना सरकार को सत्ता से हटाने में अहम भूमिका निभाई थी। करीब एक हफ्ते पहले ढाका में मस्जिद से निकलते समय उन पर हमला हुआ था। गंभीर हालत में उन्हें सिंगापुर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। हादी फरवरी 2026 में होने वाले संसदीय चुनावों के उम्मीदवार भी थे। उनकी मौत को राजनीतिक हत्या के रूप में देखा जा रहा है, जिसने पहले से अस्थिर माहौल को और भड़का दिया।

ढाका में मीडिया हाउस और सांस्कृतिक संस्थानों पर हमला क्यों हुआ?

हादी की मौत के बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने ढाका में बड़े मीडिया संस्थानों को निशाना बनाया। प्रोथोम आलो और डेली स्टार के दफ्तरों में घुसकर तोड़फोड़ और आगजनी की गई। हालात इतने बिगड़े कि दोनों अखबारों को अपने ऑनलाइन अपडेट रोकने पड़े और प्रिंट एडिशन भी नहीं छप सके। इतना ही नहीं, ढाका की प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था छायानाट और शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक आवास 32 धनमंडी में भी तोड़फोड़ की गई।

भारतीय मिशनों की सुरक्षा पर कितना खतरा है?

चटगांव के बाद सिलहट में भी भारतीय सहायक उच्चायोग और वीज़ा केंद्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस का कहना है कि किसी भी “तीसरे पक्ष” को हालात का फायदा उठाने से रोकने के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं।

क्या बांग्लादेश में हालात और बिगड़ सकते हैं?

मैमनसिंह शहर में एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की बेरहमी से हत्या ने हालात को और संवेदनशील बना दिया है। इस मामले में 10 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, लेकिन धार्मिक और राजनीतिक तनाव लगातार बढ़ रहा है।

क्या बांग्लादेश फिर लंबे संकट की ओर बढ़ रहा है?

उस्मान हादी की मौत ने बांग्लादेश को एक बार फिर अराजकता के मुहाने पर ला खड़ा किया है। भारत द्वारा चटगांव में वीज़ा संचालन निलंबित किया जाना इस बात का संकेत है कि हालात बेहद गंभीर हैं। आने वाले दिनों में स्थिति संभलती है या और बिगड़ती है, इस पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई है।

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