
South Africa Gun Violence: दक्षिण अफ्रीका एक बार फिर मास शूटिंग की दिल दहला देने वाली घटना से दहल उठा है। जोहान्सबर्ग के पास बेकर्सडेल टाउनशिप में अज्ञात बंदूकधारियों ने सड़कों पर बेतरतीब फायरिंग कर दी, जिसमें 10 लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि 10 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना इस महीने देश में हुई दूसरी बड़ी सामूहिक गोलीबारी बताई जा रही है, जिसने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस के मुताबिक, यह गोलीबारी बेकर्सडेल इलाके में एक शराबखाने या अनौपचारिक बार के पास हुई। यह इलाका दक्षिण अफ्रीका की कुछ प्रमुख सोने की खदानों के पास स्थित एक गरीब टाउनशिप है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावर अचानक पहुंचे और बिना किसी चेतावनी के गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
पुलिस बयान में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। अधिकारियों के अनुसार, कुछ पीड़ितों को सड़कों पर चलते समय ही गोली मार दी गई। यानी हमलावरों ने किसी एक व्यक्ति या समूह को निशाना नहीं बनाया, बल्कि जो सामने आया, उस पर गोलियां चला दीं। इससे यह हमला और भी रहस्यमयी हो जाता है।
अब तक हमलावरों की पहचान नहीं हो पाई है। गौतेंग प्रांत की पुलिस प्रवक्ता ब्रिगेडियर ब्रेंडा मुरिडिली ने कहा कि मृतकों की पहचान भी अभी स्पष्ट नहीं है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह हमला गैंगवार, आपराधिक रंजिश या अवैध शराब कारोबार से जुड़ा तो नहीं था।
पुलिस ने बताया कि सभी घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
नहीं। 6 दिसंबर को भी दक्षिण अफ्रीका की राजधानी प्रिटोरिया के पास एक हॉस्टल में गोलीबारी हुई थी, जिसमें तीन साल के बच्चे सहित 12 लोगों की मौत हो गई थी। उस घटना में भी अवैध शराब बिक्री की बात सामने आई थी।
करीब 6.3 करोड़ आबादी वाला दक्षिण अफ्रीका दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां हत्या और हिंसक अपराध की दर सबसे ज्यादा है। बार-बार हो रही मास शूटिंग की घटनाएं बताती हैं कि आम नागरिकों की सुरक्षा एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। बेकर्सडेल की यह घटना सिर्फ एक गोलीबारी नहीं, बल्कि दक्षिण अफ्रीका में बढ़ते अपराध और कानून-व्यवस्था की भयावह तस्वीर है। सवाल यह है कि आखिर कब तक आम लोग सड़कों पर यूं ही मौत का शिकार बनते रहेंगे?
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