
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में पूर्वी यरुशलम सहित अधिकृत फिलिस्तीनी क्षेत्र और कब्जे वाले सीरियाई गोलान में इजरायली बस्तियां बसाए जाने के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया। भारत समेत 145 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया। मसौदा प्रस्ताव को गुरुवार को मंजूरी दी गई थी।
संयुक्त राष्ट्र में लाए गए मसौदा प्रस्ताव का टाइटल "पूर्वी यरुशलम और कब्जे वाले सीरियाई गोलान सहित कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजरायली बस्तियां" था। इसे भारी बहुमत से पारित किया गया था। कनाडा, हंगरी, इजरायल, मार्शल द्वीप, माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य, नाउरू और अमेरिका ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। वहीं, 18 देश मतदान से अनुपस्थित रहे।
संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पर मतदान की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर करते हुए तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले ने कहा, "उन्हें बहुत खुशी है कि भारत ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। इजरायल का फिलिस्तीन पर बसने वालों के माध्यम से कब्जा अवैध है। साकेत गोखले ने कहा, इजराइल का रंगभेद अब खत्म होना चाहिए।"
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पिछले महीने इजरायल पर लाए गए प्रस्ताव पर भारत ने नहीं किया था मतदान
पिछले महीने, भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जॉर्डन द्वारा प्रस्तुत एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया था। इसमें इजरायल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था। प्रस्ताव में आतंकवादी समूह हमास का उल्लेख नहीं किया गया था। प्रस्ताव को भारी बहुमत से अपनाया गया था। 120 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया, 14 ने इसके खिलाफ और 45 देशों ने मतदान नहीं किया।
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