भारतीय राजदूत ने कश्मीर के जमीनी हालात पर अमेरिकी सांसदों को जानकारी दी। पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के भारत सरकार के फैसले के बाद सरकार ने स्थिति सामान्य बनाने के लिए कदम उठाए हैं।
वाशिंगटन: अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने अमेरिकी सांसदों को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के बाद राज्य के हालात और वहां शांति बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। शीर्ष भारतीय राजनयिक ने पहली बार विदेश मामलों की संसदीय समिति के सदस्यों को कश्मीर की स्थिति के बारे में जानकारी दी, क्योंकि कई सांसदों ने कश्मीर में लगे प्रतिबंधों को लेकर असंतोष जताया है। गौरतलब है कि कश्मीर से कई प्रतिबंधों को हटा लिया गया है।
जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने कहा था कि 16 अगस्त से ही प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है और सितंबर के पहले हफ्ते तक ज्यादातर प्रतिबंधों को हटा दिया गया। इस दिशा में प्रमुख कदम के तौर पर 14 अक्टूबर को सभी नेटवर्क की पोस्ट-पेड मोबाइल फोन सेवाओं को बहाल कर दिया गया। कई कांग्रेस सदस्य जो समिति के सदस्य नहीं है, वे भी राजदूत की ब्रीफिंग में शामिल हुए और अधिकतर सांसद विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के थे। ब्रीफिंग में कांग्रेस सदस्य अमी बेरा एकमात्र भारतीय-अमेरिकी सांसद थे।
घाटी में सामान्य हो रहे हैं हालात
पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के भारत सरकार के फैसले के बाद सरकार ने स्थिति सामान्य बनाने के लिए कदम उठाए हैं। पोस्ट-पेड मोबाइल सेवाओं को बहाल करने के अलावा, लोंगो को भी यात्रा करने की अनुमति दे दी गई है। लैंडलाइन फोन चालू हैं, स्कूल-कॉलेज, अस्पताल भी खुले हुए हैं, दुकानें व व्यावसायिक प्रतिष्ठानें भी खुलने लगे हैं। सरकार ने दावा किया कि राज्य के 99 फीसदी से ज्यादा क्षेत्रों में लोगों के आने-जाने पर कोई पाबंदी नहीं है। श्रृंगला ने पाकिस्तान में मानवाधिकार का जिक्र किया और भारत में सीमा पार से हो रहे आतंकवाद के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कश्मीर मुद्दे के ऐतिहासिक संदर्भ और भारत द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में सांसदों को जानकारी दी। श्रृंगला ने धैर्यपूर्वक सांसदों के सवालों का जवाब दिया।
सांसदों ने आवाजाही और संचार पर प्रतिबंध समेत कई मुद्दे उठाए। श्रृंगला ने लोगों के लापता होने के आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा कि अगर आपके क्षेत्र के किसी भी निवासी का संपर्क अपने परिवार से नहीं हो रहा है तो वह निजी तौर पर संपर्क स्थापित करना सुनिश्चित करेंगे। श्रृंगला ने सांसदों से कहा कि अधिकतर प्रतिबंध हटा दिए गए हैं और बाकी धीरे-धीरे हटाए जा रहे हैं।
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर वाशिंगटन के बड़े थिंक टैंक के समक्ष उपस्थित हो चुके हैं और कश्मीर को लेकर भारत का पक्ष जाहिर कर चुके हैं।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)