Wheat Exports Ban: G-7 देशों की आलोचना के बाद बर्लिन में भारतीय दूतावास ने जारी किया स्पष्टीकरण

गेहूं निर्यात पर भारत सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध (Wheat Exports Ban) पर बर्लिन में स्थित भारतीय दूतावास ने स्पष्टीकरण जारी किया है।  G-7 देशों की आलोचना के बाद यह बयान जारी किया गया है।

Asianet News Hindi | Published : May 15, 2022 8:08 AM IST

बर्लिन। गेहूं निर्यात पर भारत सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध (Wheat Exports Ban) पर G-7 देशों की आलोचना के बाद जर्मनी की राजधानी बर्लिन में स्थित भारतीय दूतावास ने स्पष्टीकरण जारी किया है। दूतावास ने बयान जारी कर कहा कि 13 मई को भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात (Wheat Exports) की नीति में संशोधन की घोषणा की। 

बयान में कहा गया कि ऐसा भारत में खाद्य सुरक्षा की स्थिति के प्रबंधन के लिए किया गया है। इसके साथ ही यह फैसला पड़ोसी और आर्थिक रूप से कमजोर देशों की मदद के लिए लिया गया है। ये देश वैश्विक गेहूं बाजार में अचानक हुए परिवर्तन की चपेट में आ सकते हैं और पर्याप्त मात्रा में गेहूं प्राप्त करने में असमर्थ हो सकते हैं।

संसोधन के अनुसार भारत से गेहूं निर्यात को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया गया है। हालांकि यह रोक निजी व्यापारियों द्वारा पहले से किए गए वादे पर लागू नहीं होगा। इसके साथ ही यह रोक भारत सरकार द्वारा दूसरे देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा को लेकर दिए गए स्वीकृत के मामले में लागू नहीं होगा। दूसरे देशों की सरकारों द्वारा निवेदन किए जाने पर भारत सरकार गेहूं की आपूर्ति की मंजूरी देगी।

मुद्रास्फीति पर लगेगा लगाम 
सरकार ने यह संशोधन आदेश मुख्य रूप से तीन उद्देश्य के लिए जारी किया है। यह भारत में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा और मुद्रास्फीति पर लगाम लगाएगा। यह खाद्य पदार्थों की कमी का सामना कर रहे दूसरे देशों की मदद करेगा। इसके साथ ही यह भारत को भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता बनाएगा। यह संसोधन गेहूं बाजार को साफ संकेत देने के लिए किया गया है कि गेहूं की जमाखोरी नहीं की जाए। 

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गेहूं निर्यात रेगुलेट करने और इसे सरकारी चैनल के माध्यम से निर्देशित करने का फैसला न सिर्फ भारत के पड़ोसी देशों और खाद्यान की कमी का सामना कर रहे देशों की सही जरूरत पूरी करने में मदद करेगा, बल्कि इसके साथ ही यह मुद्रास्फीति की उम्मीदों को भी नियंत्रित करेगा।

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