यूएस के प्रिंसटन यूनवर्सिटी में फिलिस्तीन के समर्थन में आंदोलन कर रही भारतीय मूल की छात्रा सहित दो अरेस्ट

प्रिंसटन एलुमनी वीकली (पीएडब्ल्यू) के अनुसार, तमिलनाडु में जन्मे अचिंत्य शिवलिंगन और हसन सैयद को गुरुवार अरेस्ट किया गया।

Dheerendra Gopal | Published : Apr 26, 2024 10:24 AM IST / Updated: Apr 27 2024, 02:32 AM IST

Pro Palestine supporters in US: अमेरिका की प्रतिष्ठित प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली एक भारतीय युवती सहित दो लोगों को फिलिस्तीन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन करने पर अरेस्ट किया गया है। दोनों युवाओं पर यूनवर्सिटी कैंपस में तंबू लगाकर विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में कार्रवाई की गई है। गिरफ्तारी के बाद विवि प्रशासन ने दोनों छात्रों को कैंपस से निकाल दिया है। हालांकि, उनका निलंबन नहीं किया गया है। अब वह अपने घर या बाहर रहकर यहां आ जाकर पढ़ सकेंगे।

प्रिंसटन एलुमनी वीकली (पीएडब्ल्यू) के अनुसार, तमिलनाडु में जन्मे अचिंत्य शिवलिंगन और हसन सैयद को गुरुवार अरेस्ट किया गया। यहां प्रदर्शन होना तय हुआ था। फिलिस्तीन के समर्थन में होने वाले इस प्रदर्शन के लिए दोनों आरोपी छात्रा तंबू लगा रहे थे। तंबू लगाते समय इन दोनों स्टूडेंट्स को अरेस्ट कर लिया गया।

विश्वविद्यालय प्रवक्ता जेनिफर मॉरिल ने कहा कि दो स्नातक छात्रों को अतिक्रमण के आरोप में गिरफ्तार किया गया और उन्हें तत्काल कैंपस से बाहर निकाल दिया गया। उन्होंने बताया कि कैंपस में तंबू लगाना विश्वविद्यालय की नीति का उल्लंघन है।

विवि की एक अन्य प्रवक्ता माइकल हॉचकिस ने डेली प्रिंसटोनियन को कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उनको विवि से बेदखल नहीं किया गया है। वह अपने आवास से रहकर पढ़ाई जारी रखेंगे।

शिवलिंगम प्रिंसटन में अंतर्राष्ट्रीय विकास में सार्वजनिक मामलों में परास्नातक की छात्रा हैं, जबकि सैयद वहां पीएचडी कर रहे हैं। 

फिलिस्तीनी समर्थन में हजारों की संख्या में छात्र

फ़िलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों में अमेरिका के टॉप यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स के शामिल होने से विवि प्रशासन को हिला कर रख दिया है। हजारों की संख्या में छात्रों ने इसरायली सैन्य अभियान के कारण गाजा में हुई मौतों के लिए अपने अपने कैंपस में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोश प्रदर्शन सबसे पहले न्यूयार्क के कोलंबिया विवि से शुरू हुआ और देशभर के कॉलेजों व विश्वविद्यालयों तक पहुंचचुका है। सैकड़ों प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच भी आमना-सामना हो चुका है। प्रदर्शनकारी अपने विश्वविद्यालयों से गाजा युद्ध से लाभ कमाने वाली कंपनियों से अलग होने और तत्काल युद्धविराम की वकालत करने का आह्वान कर रहे हैं।

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