श्रीलंका में चरम पर महंगाई, सेना के पहरे में बिक रहा पेट्रोल, 10-10 हजार देकर नावों से भारत आ रहे शरणार्थी

महंगाई और लडखड़ाती अर्थव्यवस्था श्रीलंका के लोगों को पलायन के लिए मजबूर कर ही है। ऐसा ही नजारा मंगलवार को देखने को मिला जब श्रीलंका से कुछ लोगों का दल समुद्र के रास्ते तमिलनाडु के तट पर पहुंचा। इनका कहना है कि महंगाई के कारण खाने तक के लाले पड़ रहे हैं। हम कर्ज लेकर किसी तरह देश से बाहर निकले हैं। 

चेन्नई। श्रीलंका में महंगाई और आर्थिक संकट बेकाबू हो चुका है। लगातार बिगड़ते हालातों को देखते हुए लोगों ने देश छोड़ने जैसे कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। आलम ये है कि पेट्रोल-डीजल सेना के साये में बिक रहा है। अपना और परिवार का खर्च उठाने में अक्षम लोग अब भारत का रुख करने लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को श्रीलंका से 16 तमिल नागरिक देश छोड़कर तमिलनाडु के तट पर पहुंचे। चार महीने के नवजात शिशु के साथ पहुंचे इस परिवार ने नाव से भारत आने का फैसला किया था। नाव से आए इन लाेगों को तटरक्षक बलों ने उन्हें रेस्क्यू किया। इनके अलावा अन्य लोग भी श्रीलंका से नाव के जरिये तमिलनाडु के तट पर पहुंचे।  

बेरोजगारी चरम पर, नौकरी से निकाले जा रहे लोग 
तमिलनाडु के तट पर पहुंचे श्रीलंकाई लोगों ने बताया कि देश के आर्थिक हालात इतने खराब हैं कि ज्यादातर लोग बेरोजगार हो चुके हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। सेना लाइन लगाकर पेट्रोल-डीजल बेच रही है। जरूरी वस्तुओं की कीमतें इतनी अधिक बढ़ गई हैं कि दो जून की रोटी भी नसीब हो जाए, यह भी मुश्किल हो रहा है। लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है। 

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10 हजार रुपए प्रति व्यक्ति लगा नाव का किराया 
इन नागरिकों ने बताया कि हम लोगों ने प्रति व्यक्ति नाविक को 10 हजार रुपए दिए, तब कहीं वह हमें लाकर एक द्वीप पर छोड़ गया। सोमवार आधी रात अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पार करने के बाद वह नाविक एक द्वीप पर छोड़कर चला गया। उसने बताया था कि रामेश्वरम से उन्हें कोई लेने यहां आएगा, लेकिन कोई नहीं आया। बाद में तटरक्षक बल ने इन सभी को रेस्क्यू किया। 

रामेश्वरम में रिश्तेदारों का सहारा 
श्रीलंका के जाफना से तमिलनाडु पहुंचे गजेंद्रन कुमार ने मीडिया को बतााया कि उन्होंने नाव के लिए कर्ज लेकर पैसा चुकाया। क्योंकि यदि यह रास्ता नहीं अपनाते तो वह भारत नहीं आ सकते थे। उन्होंने बताया कि मैं वहां काम करता था, लेकिन हाल में ही मुझे काम से निकाल दिया गया। चूंकि मेरे कुछ रिश्तेदार रामेश्वरम में हैं, इसलिए उनके सहारे मैं यहां तक चला आया। गजेंद्रन की पत्नी मैरी क्लेरिन बताती हैं कि उनके पास खाने तक के लिए कुछ नहीं था। बेटा निजाथ चार महीने का है। उसके दूध का इंतजाम करना भी मुश्किल हो रहा था।  

मंडपम में पूछताछ के बाद रिफ्यूजी कैंप में भेजा
भारतीय तटरक्षक बल ने बताया कि श्रीलंका से आने वाले परिवारों की पहचान के बाद इन्हें मंडपम लाया गया और पूछताछ की गई। अधिकारियों ने बताया कि सभी श्रीलंकाई नागरिकों को रामेश्वरम के नजदीक मंडपम के रिफ्यूजी कैंप में भेज दिया गया है। श्रीलंका से जिस तरह से लोगों का आना शुरू हुआ है, उससे लग रहा है कि यह पलायन की शुरुआत है।  

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