
सैम पित्रोदा का अमेरिकी कनेक्शन। देश में मौजूदा वक्त में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा की एक बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। उन्होंने हाल ही में दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के एक कानून का जिक्र किया, जो इन्हेरिटेंस टैक्स से जुड़ा हुआ है। उन्होंने हाल ही में इन्हेरिटेंस टैक्स यानी विरासत टैक्स की वकालत की है और इस कानून को बहुत ही रोचक बताया है। हाल ही मेंदिए एक इंटरव्यू में उनसे कांग्रेस मेनिफेस्टो में दिए गए संपत्ति लेने वाले बात पर सवाल पूछा गया। उन्होंने बताया कि ऐसा करना आसान नहीं है। लेकिन इसी तरह का एक कानून अमेरिका में है, जिसे इन्हेरिटेंस टैक्स कहते हैं।
सैम पित्रोदा ने कहते हैं- अमेरिका में अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 फीसदी ही अपने बच्चों को दे सकता है। बाकी का 55 फीसदी सरकार हड़प लेती है। ये एक दिलचस्प कानून है। इसके मुताबिक आपको मरने के बाद अपनी आधी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी होगी। उन्होंने कहा कि ये एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर बहस होनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने ये बाते इसलिए कही क्योंकि उनका अमेरिका से एक स्पेशल कनेक्शन भी है। उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका में पढ़ाई की और 1964 में शिकागो के इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से उन्होंने फिजिक्स में मास्टर्स डिग्री हासिल की।
अमेरिका में की करियर की शुरुआत
सैम पित्रोदा का जन्म भारत के ओडिशा के तितिलागढ़ में गुजराती परिवार में साल 1942 में हुआ था। उन्होंने अपनी पहचान टेलीकॉम इन्वेंटर और एंटरप्रेन्योर के तौर पर बनाई है। वो बीते 50 सालों से टेलीकॉम और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने अमेरिका में साल 1965 में पढ़ाई पूरी करने बाद टेलीकॉम इंडस्ट्री से जुड़ गए थे। उनको इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार करने पर पहला पेटेंट दिया गया था। उन्हें अपने करियर में कई सारे पेटेंट दाखिल किया है। उन्होंने दुनियाभर में 100 से ज्यादा पेटेंट्स दाखिल किए हैं। सैम पित्रोदा ने अमेरिका में कई कंपनियां शुरू की हैं।
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