क्या चीन ने फैलाया कोरोना, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के बाद अब दुनिया के बड़े वैज्ञानिकों ने लगाया ये आरोप

Published : May 15, 2021, 03:57 PM IST
क्या चीन ने फैलाया कोरोना, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के बाद अब दुनिया के बड़े वैज्ञानिकों ने लगाया ये आरोप

सार

कोरोना का पहला केस 2019 में चीन के वुहान में सामने आया था। इसके बाद कोरोना का कहर पूरी दुनिया में जारी है। अब तक इस महामारी से 30 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इन सबके बीच बार बार एक सवाल उठता रहा है कि क्या कोरोना फैलाने में चीन का हाथ हैं।

नई दिल्ली. कोरोना का पहला केस 2019 में चीन के वुहान में सामने आया था। इसके बाद कोरोना का कहर पूरी दुनिया में जारी है। अब तक इस महामारी से 30 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इन सबके बीच बार बार एक सवाल उठता रहा है कि क्या कोरोना फैलाने में चीन का हाथ हैं। दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के बाद अब दुनिया के बड़े वैज्ञानिकों के एक समूह ने कहा कि कोरोनावायरस किसी लैब से फैला, इस थ्योरी को गंभीरता से लेना चाहिए। 

चीन को लेकर सवाल उठाने वाले दुनिया के टॉप साइंटिस्ट की टीम में 18 वैज्ञानिक शामिल हैं। इस ग्रुप में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट रवींद्र गुप्ता, फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर के जेसी ब्लूम भी शामिल हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब तक कोरोना के लैब से फैलने की बात गलत साबित नहीं हो जाती, इसे गंभीरता से लेना चाहिए। 

WHO की जांच पर उठे सवाल
वैज्ञानिकों की टीम का कहना है कि इस कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अंतिम फैसले तक पहुंचने के लिए जांच की जरूरत है। वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस के किसी लैब और जेनेटिक स्पिलओवर दोनों से अचानक बाहर निकलने की थ्योरी को खारिज नहीं किया जा सकता। साथ ही उन्होंने WHO पर भी सवाल उठाए। वैज्ञानिकों ने कहा, WHO ने वायरस के उत्पत्ति को लेकर हुई जांच में इस पहलू पर गौर नहीं किया कि यह लैब से बाहर आ सकता है।
 
दरअसल, WHO की टीम ने इस साल जनवरी और फरवरी में वुहान में अपनी एक टीम भेजी थी। टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा था, कोरोना वायरस शायद चमगादड़ से मनुष्यों में आया होगा। हालांकि, लैब से बाहर आने वाली थ्योरी की आशंका नहीं है। 
 
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने लगाए आरोप
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के द वीकेंड ऑस्ट्रेलियन ने चीन के एक रिसर्च पेपर को आधार बनाकर रिपोर्ट छापी थी। इसमें दावा किया गया था कि चीन पिछले 6 साल से सार्स वायरस की मदद से जैविक हथियार बनाने की कोशिश कर रहा था। रिपोर्ट में कहा गया है, चीनी वैज्ञानिक 2015 में ही कोरोना के अलग-अलग स्ट्रेन पर चर्चा कर रहे थे। चीनी वैज्ञानिक ने कहा था कि तीसरे विश्वयुद्ध में इसे जैविक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाएगा। इतना ही नहीं वैज्ञानिकों ने इस बात पर भी चर्चा की थी कि इसे कैसे महामारी के तौर पर बदला जा सकता है।

पहले भी लग चुके चीन पर आरोप 
चीन पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप पहली बार नहीं लगा। इससे पहले पिछले साल अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कई बार चीन पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने इसे चीनी वायरस तक कहा था। अमेरिका के अलावा यूरोप के तमाम देशों ने भी चीन पर कोरोना फैलाने को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। हाल ही में ब्राजील के राष्ट्रपति ने भी कोरोना वायरस के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया था। 

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

पुतिन की मीटिंग में जबरन घुसे पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ, VIDEO वायरल, जानिए क्यों?
दुबई में सीक्रेट शादी, पाकिस्तान कनेक्शन और 17 बैंक अकाउंट-क्या है असम के मनी लॉन्ड्रिंग की कहानी?