महसा अमिनी की मौत के बाद ईरानी महिलाओं ने हिजाब उतार किया विरोध प्रदर्शन, लगाए 'तानाशाह को मौत' के नारे

ईरान में हिजाब (Hijab) को लेकर महिलाओं का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। हिजाब नहीं पहनने के चलते 22 साल की महसा अमिनी को नैतिकता पुलिस ने हिरासत में लिया था। हिरासत में ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद हजारों महिलाओं ने हिजाब उतारकर विरोध प्रदर्शन किया।

Asianet News Hindi | Published : Sep 18, 2022 6:11 AM IST / Updated: Sep 18 2022, 11:43 AM IST

तेहरान। ईरान उन मुस्लिम देशों में शामिल है जहां महिलाओं को सख्ती से हिजाब (Hijab) पहनने के लिए विवश किया जाता है। ईरान में इसके लिए नैतिकता पुलिस काम करती है। नैतिकता पुलिस के कर्मी और अधिकारी तय करते हैं कि सभी महिलाएं हिजाब पहनें, इसके लिए वे महिलाओं के खिलाफ अत्याचार करने से भी पीछे नहीं हटते। 

एक ऐसी ही घटना में 17 सितंबर को पुलिस हिरासत में 22 साल की महसा अमिनी की मौत हो गई। पुलिस ने उसे हिजाब नहीं पहनने को लेकर हिरासत में लिया था। महसा अमिनी की मौत के बाद महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा है। पश्चिमी ईरान में महसा अमिनी के अंतिम संस्कार के दौरान हजारों महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। महिलाओं ने अपना हिजाब उतार दिया और तानाशाह को मौत के नारे लगाए। सुरक्षाकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शनकारियों ने विरोध करते हुए कासिम सुलेमानी (आईआरजीसी कुद्स बल के मृत कमांडर) का एक बैनर भी उतार दिया।

 

 

ईरान में दंडनीय अपराध है हिजाब हटाना 
नैतिकता पुलिस की हिरासत में 22 साल की ईरानी महिला की मौत के बाद देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। महिलाएं इस घटना के खिलाफ सड़क पर उतर आईं हैं। वहीं, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी विरोध दर्ज कराया जा रहा है। एक ईरानी पत्रकार ने ट्वीट किया, 'हिजाब हटाना ईरान में दंडनीय अपराध है। हम दुनिया भर के महिलाओं और पुरुषों से एकजुटता दिखाने का आह्वान करते हैं।'

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पिछले कुछ महीनों में ईरानी अधिकार कार्यकर्ताओं ने महिलाओं से सार्वजनिक रूप से पर्दा हटाने का आग्रह किया है। महसा अमिनी को ईरान की नैतिकता पुलिस ने कथित तौर पर देश के हिजाब नियमों का पालन नहीं करने के लिए हिरासत में लिया था। महिलाएं हिजाब नहीं पहनती हैं तो उन्हें इस्लामिक ड्रेस कोड के उल्लंघन के मामले में गिरफ्तार किया जाता है। ईरान की कट्टरपंथी सरकार महिलाओं द्वारा हिजाब नहीं पहनने पर कड़ी कार्रवाई कर रही है।

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